परिषदीय विद्यालयों का अक्तूबर व दिसंबर में होगा निपुण टेस्ट, डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से होगा मूल्यांकन
परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों को मार्च 2025 तक 80 प्रतिशत निपुण बनाने का लक्ष्य शिक्षकों को दिया गया है। यह अभियान कक्षा एक से कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए चलाया जा रहा है। ऐसे में अब डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षुओं के माध्यम से तीन बार मूल्यांकन कराया जाएगा। इस वर्ष अक्टूबर व दिसंबर और मार्च 2025 में मूल्यांकन कराया जाएगा। सभी स्कूलों को इसके संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा का निर्देश है कि जिम्मेदार अधिकारी निपुण बनाने की तैयारियां शुरू करें। केंद्र सरकार ने वर्ष 2026-27 तक सभी परिषदीय स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा है

- मार्च 2025 तक 80 फीसदी परिषदीय स्कूलों को निपुण बनाने का दिया गया लक्ष्य, विद्यार्थियों को भाषा और गणित में दक्ष बनाने का चलेगा अभियान, डीएलएड प्रशिक्षुओं से तीन बार कराया जाएगा मूल्यांकन
लखनऊ/ कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों को मार्च 2025 तक 80 प्रतिशत निपुण बनाने का लक्ष्य शिक्षकों को दिया गया है। यह अभियान कक्षा एक से कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए चलाया जा रहा है। ऐसे में अब डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षुओं के माध्यम से तीन बार मूल्यांकन कराया जाएगा। इस वर्ष अक्टूबर व दिसंबर और मार्च 2025 में मूल्यांकन कराया जाएगा। सभी स्कूलों को इसके संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा का निर्देश है कि जिम्मेदार अधिकारी निपुण बनाने की तैयारियां शुरू करें। केंद्र सरकार ने वर्ष 2026-27 तक सभी परिषदीय स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा है।
विभाग इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कमर कस चुका है। प्रदेश में कुल 1.34 लाख परिषदीय स्कूल हैं और इसमें से 80 प्रतिशत स्कूलों को अभी निपुण बनाने पर फोकस किया जाएगा। 60 प्रतिशत तक विद्यार्थियों की उपस्थिति रहती है। अब इसे बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक किया जाएगा। भाषा व गणित में कमजोर विद्यार्थियों को चिह्नित कर उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कक्षाएं खत्म होने के बाद इन्हें अलग से कक्षाएं लगाकर पढ़ाया जाएगा। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन व शिक्षक संकुल को आवंटित किए गए विद्यालयों को विशेष रूप से निपुण विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। फिलहाल विद्यालयों का निरीक्षण टास्क फोर्स गठित कर कराया जाएगा जो कमियां मिलेंगी उसे दूर किया जाएगा।
क्या है निपुण भारत मिशन-
केंद्र सरकार देश के हर बच्चे को शिक्षित करने के प्रयास में है। छात्र छात्राओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2021 में निपुण भारत मिशन की शुरुआत की गई थी। इसके माध्यम से बच्चों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान को बढ़ावा देना है जिससे आगे चलकर बच्चों का सम्पूर्ण विकास हो सके।
सरकार का प्रयास है कि देश के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, बुनियादी शिक्षा प्रदान कर बच्चों द्वारा शिक्षा का पूर्ण सदुपयोग किया जा सके। इस मिशन के माध्यम से कक्षा 3 से कक्षा 6 तक के छात्रों में आधारभूत साक्षरता व संख्यात्मक का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में इसके अंतर्गत सहयोग दिया जाएगा जिससे कि बच्चों में बुनियादी शिक्षा मजबूत हो सके।
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