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मातृ दिवस एवं पुष्य नक्षत्र के अवसर पर स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम सम्पन्न

नीमा उत्तर प्रदेश की महिला मंच की ऑर्गेनाइजर एवं चेयरपर्सन साइंटिफिक कमेटी आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक द्वारा मातृ दिवस एवं पुष्य नक्षत्र के अवसर पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर एवं लाल बंगला स्थित क्लीनिक में में स्वर्ण प्राशन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

Story Highlights
  • 62 बच्चों को आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक द्वारा निशुल्क स्वर्ण प्राशन कराया गया। 

कानपुर,अमन यात्रा : रविवार को नीमा उत्तर प्रदेश की महिला मंच की ऑर्गेनाइजर एवं चेयरपर्सन साइंटिफिक कमेटी आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक द्वारा मातृ दिवस एवं पुष्य नक्षत्र के अवसर पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर एवं लाल बंगला स्थित क्लीनिक में में स्वर्ण प्राशन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर परिसर में 26 बच्चों को एवं लाल बंगला स्थित क्लीनिक में 62 बच्चों को आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक द्वारा निशुल्क स्वर्ण प्राशन कराया गया। इस अवसर पर डॉ वंदना पाठक जी ने बताया कि कोविड-19 जैसी महामारियों से बचाव हेतु आयुर्वेद में बहुत सारे उपाय दिए गए हैं।

स्वर्ण प्राशन भी इसी कड़ी में एक उपाय है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण प्राशन बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। विशेषज्ञों द्वारा यह बताया गया है की कोविड-19 की तीसरी लहर मे स्वर्ण प्राशन ने बच्चों को कोविड-19 से बचाव में बहुत सहायता की है। ज्यादातर बच्चे इससे प्रभावित नहीं हुए। डॉ वंदना पाठक ने बताया कि स्वर्ण प्राशन 16 संस्कारों में से एक संस्कार है जो कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि स्वर्ण प्राशन एक ऐसी वैक्सीन है जो विभिन्न रोगों से बच्चों का बचाव करती है।

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स्वर्ण प्राशन ऋतु परिवर्तन होने की स्थिति में बच्चों मैं संक्रमण से होने वाली बीमारी से भी बचाव करता है। यदि किसी को बुखार इत्यादि कोई बीमारी होती भी है तो वह अति शीघ्र ठीक हो जाता है। डॉ वंदना पाठक ने बताया कि अब बच्चों ने जंक फूड का भी विरोध करना शुरू कर दिया है जिससे उनके माता-पिता भी प्रसन्न है।आज छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर परिसर में 26 बच्चों को एवं लाल बंगला स्थित क्लीनिक में 62 बच्चों को एक-एक करके निशुल्क स्वर्ण प्राशन का सेवन कराया गया। इसी के साथ बच्चों के माता-पिता को भी आहार-विहार, दिनचर्या एवं त्रतुचर्या विषय पर निशुल्क काउंसलिंग की गई एवं उनको भोज्य पदार्थ भी निशुल्क प्रदान किया गया। यह स्वर्ण प्राशन स्वर्ण भस्म, वचा, गिलोय, ब्राह्मी घृत,गौघृत, मधु आदि द्रव्यों को मिलाकर कई घंटों के मर्दन के पश्चात तैयार किया जाता है।  आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक ने बताया कि पुष्य नक्षत्र में स्वर्ण प्राशन ग्रहण करने का बच्चों को अत्यधिक फायदा होता है। स्वर्ण प्राशन कराने वालों में विश्वविद्यालय के शिक्षकों /कर्मचारियों एवं विश्व विद्यालय के समीप निवास करने वाले अभिभावकों के बच्चे थे।

इस अवसर पर डॉ प्रवीन कटियार, डॉ अनुराधा, डॉ सोनी गुप्ता, डॉ रश्मि गोरे, डॉ दिग्विजय शर्मा, डॉ मुनीश रस्तोगी, डॉ वर्षा प्रसाद एवं अन्य शिक्षक गण, संस्थान के विद्यार्थी एवं अन्य कर्मचारी गण उपस्थित थे।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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