कानपुर

Holi 2021: सावधान! बाजारों में बिक रहा मकाई-चावल के आटे से मिश्रित बेसन, इस तरह पहचानें क्वालिटी

चने की दाल के साथ खेसारी की दाल भी मिलाई जाती है। सामान्य तौर पर खेसारी दाल की कीमत चने की कीमत की आधी होती है लेकिन खुले बाजार में इसे बेचा नहीं जा सकता इसलिए जिसे यह चाहिए होता है।

कानपुर, अमन यात्रा । बेसन में अब मटर की जगह मक्का और चावल की कनकी का आटा मिलाया जा रहा है। खाद्य सामग्री होने की वजह से इसका स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता लेकिन इससे मुनाफा काफी बढ़ जाता है। इसी वजह से जहां चना थोक बाजार में 59 रुपये किलो है वहीं बेसन 40 रुपये से 65 रुपये किलो बिक रहा है।

मटर की नई फसल आने के बाद अब चने और मटर की कीमत करीब बराबर हो चुकी है। चना इस समय थोक बाजार में 59 रुपये किलो है तो मटर 58 रुपये किलो। हालांकि मात्र एक सप्ताह पहले चना करीब 52 रुपये किलो था और मटर 72 रुपये किलो। पहले मटर के महंगा होने और इस समय चने के बराबर होने की वजह से बेसन में मटर की मिलावट नहीं हो पा रही है। बेसन चने का होता है और त्योहार के इस मौके पर इसकी खूब मांग है। बेसन के नमकीन सेव, दालमोठ के लिए महीन सेव, गाठिया, बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू के साथ ही बेसन की तमाम मिठाई भी बनती हैं। मक्का 12 से 14 रुपये किलो थोक बाजार में है और इसका आटा 16 से 18 रुपये किलो है। मक्के का आटा थोड़ा पीलापन लिए होता है, इसलिए चने के बेसन में इसे आसानी से 25 से 30 फीसद तक मिलाया जा सकता है। यह आसानी से बेसन में मिल जाता है। दूसरी ओर चावल की कनकी भी मिलाई जा रही है।

चावल के आटे से आता है कुरकुरापन

खाली बेसन से सेव, गाठिया कुछ भी बनाया जाए तो वह काफी मुलायम होते हैं लेकिन जिन्हें थोड़ा कुरकुरा बनाना होता है वे उसमें चावल का आटा मिला देते हैं।

चमक के लिए मिलाते मेटानील यलो

बूंदी या बूंदी के लड्डू बनाने में ज्यादातर मिठाई कारोबारी मेटानील यलो की मिलावट करते हैं। शुद्ध बेसन से बनी बूंदी में चमक नहीं होती लेकिन मेटानील यलो मिलाते ही बूंदी में अलग सी चमक नजर आती है। मेटानील यलो सीधे पेट संबंधी रोगों को जन्म देता है। इससे कैंसर तक हो सकता है।

खेसारी दाल की भी की जाती मिलावट

चने की दाल के साथ खेसारी की दाल भी मिलाई जाती है। सामान्य तौर पर खेसारी दाल की कीमत चने की कीमत की आधी होती है, लेकिन खुले बाजार में इसे बेचा नहीं जा सकता, इसलिए जिसे यह चाहिए होता है, सीधे उसके पास इसे भेज दिया जाता है। इस मिलावट वाले बेसन के लगातार उपभोग से लकवा हो सकता है।

ऐसे करें मिलावट की जांच

बेसन में डायल्यूट 50 मिलीलीटर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाएं। थोड़ा सा पानी मिलाकर 15 मिनट तक गर्म करें। यदि इसका रंग गुलाबी हो जाए तो समझ लें कि बेसन में खेसारी दाल का मिश्रण है।

लाभ और मिलावट की गणित

  • 59 रुपये किलो चने की दाल।
  •  58 रुपये किलो मटर की दाल।
  •  12 से 14 रुपये किलो मक्का।
  •  12 से 14 रुपये किलो चावल की कनकी।
  •  30 रुपये किलो के करीब खेसारी दाल।
aman yatra
Author: aman yatra


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