कानपुर: समाजसेवी धनीराम पैंथर को जिलाधिकारी ने किया सम्मानित
कानपुर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर समाजसेवी धनीराम पैंथर को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मानित किया।

- लावारिस लाशों के सम्मानपूर्ण दाह संस्कार के लिए मिला पुरस्कार
कानपुर: कानपुर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर समाजसेवी धनीराम पैंथर को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मानित किया। पैंथर जी को यह सम्मान उनके द्वारा लावारिस लाशों का सम्मानपूर्वक दाह संस्कार करने के प्रयासों के लिए दिया गया, जिससे न केवल समाज में मानवता की भावना को बल मिला है, बल्कि सामाजिक दायित्व की भावना को भी जागरूक किया गया है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने पैंथर जी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनका योगदान वाकई में बेहद महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी ने कहा, “पैंथर जी का काम न केवल कानपुर बल्कि समूचे समाज के लिए एक प्रेरणा है। यह काम यह सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या सामाजिक पृष्ठभूमि से हो, मृत्यु के बाद भी सम्मान मिले। उनका यह कार्य समाज में मानवता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है, जो हमारे समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है।”
धनीराम पैंथर, जिनकी पहचान एक समाजसेवी के रूप में है, पिछले कई वर्षों से लावारिस लाशों का सम्मानपूर्वक दाह संस्कार करने का कार्य कर रहे हैं। उनका यह कार्य समाज के उन हिस्सों के लिए एक आशा की किरण बनकर उभरा है, जो असहाय और गरीब होते हैं और जिनके पास अंतिम संस्कार के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते। पैंथर जी के इस महान कार्य ने न केवल मृतकों को सम्मान दिया है, बल्कि जीवित समाज को भी मानवीयता के महत्व का एहसास कराया है।
उनकी मेहनत और समर्पण की वजह से समाज में जागरूकता आई है, और अब लोग इस मुद्दे पर ज्यादा संवेदनशील होते जा रहे हैं। पैंथर जी का यह कार्य निश्चित ही एक महत्वपूर्ण सामाजिक बदलाव की दिशा में एक कदम है। समाज में उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, और जिलाधिकारी द्वारा दिया गया यह सम्मान उनके कार्यों के प्रति एक सकारात्मक मान्यता है।
कार्यक्रम में कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी पैंथर जी के कार्यों की सराहना की और उनके संघर्ष को प्रेरणादायक बताया। पैंथर जी ने इस सम्मान को समाज के सभी उन व्यक्तियों को समर्पित किया, जिनके लिए वह अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखते हैं।
इस सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों ने पैंथर जी को बधाई दी और उनके कार्यों को समाज के प्रति उनका योगदान बताया, जो न केवल कानपुर, बल्कि समूचे उत्तर भारत में मानवता की मिसाल बन चुका है।
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