कथावाचक ने श्रोताओं को सुदामा चरित्र की कथा सुनाई
डेरापुर कस्बे के कपालेश्वर मंदिर में बीते 17 फरवरी से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन गुरुवार को कथावाचक ने श्रोताओं को सुदामा चरित्र की कथा सुनाई जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।

डेरापुर। डेरापुर कस्बे के कपालेश्वर मंदिर में बीते 17 फरवरी से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन गुरुवार को कथावाचक ने श्रोताओं को सुदामा चरित्र की कथा सुनाई जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।गुरुवार को डेरापुर कस्बे के कपालेश्वर मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन गुरुवार को कथावाचक कमलेश शुक्ला ने कथा का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा चरित्र हमें जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है।सुदामा ने भगवान के पास होते हुए भी अपने लिए कुछ नहीं मांगा।अर्थात निश्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता है।कथावाचक ने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से मन आत्मा को परम सुख की प्राप्ति होती है।मित्रता में गरीबी और अमीरी नहीं देखनी चाहिए।मित्र एक दूसरे का पूरक होता है।भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा की गरीबी को देखकर रोते हुए अपने राज सिंहासन पर बैठाया और उलाहना दिया कि जब गरीबी में रह रहे थे तो अपने मित्र के पास तो आ सकते थे,लेकिन सुदामा ने मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए श्रीकृष्ण से कुछ नहीं मांगा।कथा को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए कथा के बीच बीच में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया।वहीं शुक्रवार को कथा के समापन के अवसर पर हवन पूजन के पश्चात कन्या भोज का आयोजन किया जायेगा।इस मौके पर आयोजक मंडल के कैलाश यादव, जयवीर सिंह, राधा कृष्ण, रणधीर, पप्पू बाजपेई,राजेश यादव, राजेंद्र बाबा पुजारी,मदन मिश्रा,रामशंकर,सतीश यादव आदि लोग भी मौजूद रहे।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.