कर्मचारियों की बहाली और बकाया वेतन की मांग लेकर सीएम योगी के जनता दर्शन में पहुंची 181 वूमेन हेल्पलाइन की महिलाएं
महिलाओं की सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए चलाई जा रही उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 181 वूमेन हेल्पलाइन को पूरी क्षमता से चलाने, उसमें कार्यरत 351 महिला कर्मियों को बहाल करने और 2020 से बकाया 3 माह के वेतन का तत्काल भुगतान करने का सवाल आज सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में पहुंचा। 181 वूमेन हेल्पलाइन की टीम लीडर पूजा पांडे और कुसुम ने सीएम आवास पर आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में प्रमुख सचिव को ज्ञापन दिया, जिस पर प्रमुख सचिव ने अतिशीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है
लखनऊ। महिलाओं की सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए चलाई जा रही उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 181 वूमेन हेल्पलाइन को पूरी क्षमता से चलाने, उसमें कार्यरत 351 महिला कर्मियों को बहाल करने और 2020 से बकाया 3 माह के वेतन का तत्काल भुगतान करने का सवाल आज सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में पहुंचा। 181 वूमेन हेल्पलाइन की टीम लीडर पूजा पांडे और कुसुम ने सीएम आवास पर आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में प्रमुख सचिव को ज्ञापन दिया, जिस पर प्रमुख सचिव ने अतिशीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सीएम योगी को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 181 वीमेन हेल्पलाइन को मौजूदा सीएम ने ही पूरे प्रदेश में लागू किया था,जिसके कार्यों की तारीफ खुद मुख्यमंत्री करते रहे हैं और सरकार ने इसकी महत्त्व को देखते हुए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया था। 2020 में बिना कोई कारण बताये सरकार ने इसे बंद कर दिया और इसमें कार्यरत 351 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। हद यह हो गई कि 3 माह के बकाया वेतन भी भुगतान नहीं किया गया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं को हर तरह की सुरक्षा देने,मनोवैज्ञानिक सहायता देने और उनमें स्वावलंबन की भावना पैदा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेएस वर्मा कमीशन की रिपोर्ट के बाद यह योजना चालू की गई थी। इसके बंद होने से प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा गहरे संकट का शिकार हो गई है। इसको बंद करने की कार्रवाई के विरुद्ध हाईकोर्ट में यूपी वर्कर्स फ्रंट द्वारा दाखिल जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह को कार्रवाई करने के लिए कहा था। इस सम्बन्ध में तत्काल सभी अधिकारियों को पत्रक भेजे गए, लेकिन तीन माह बीतने के बाद भी अभी तक उन पर कार्यवाही नहीं हुई।इसलिए मुख्यमंत्री के संज्ञान में सारे तथ्यों को लाकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।