दूसरे जनपदों से आए शिक्षकों के स्कूल आवंटन न होने से जनपद के अंदर होने वाले स्थानांतरण की प्रक्रिया फंसी
परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार चाहे कितने भी प्रयत्न कर रही हो लेकिन वे सब धरे के धरे ही नजर आ रहे हैं। तुगलकी फरमान सिर्फ फाइलों को सजा रहे हैं।

- स्थानांतरण की राह देख रहे शिक्षकों में छाई मायूसी
कानपुर देहात,अमन यात्रा : परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार चाहे कितने भी प्रयत्न कर रही हो लेकिन वे सब धरे के धरे ही नजर आ रहे हैं। तुगलकी फरमान सिर्फ फाइलों को सजा रहे हैं। अभी हाल ही में बेसिक शिक्षा महानिदेशक द्वारा एक आदेश जारी किया गया था कि जिन स्कूलों में सरप्लस शिक्षक हैं उनका स्थानांतरण उन विद्यालयों में किया जाएगा जहां पर शिक्षक कम और विद्यार्थी ज्यादा हैं लेकिन वह आदेश महज फाइलों में धूल चाट रहा है। बताते चलें अधिकारी स्कूलों की जांच पर जांच कर रहे हैं और 66 शिक्षकों को एक साथ बीएसए दफ्तर में बैठाए हैं। स्कूल आवंटन न होने से जनपद के अन्य शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया फंसी हुई है। एक माह से स्कूल आवंटन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। यह प्रक्रिया निदेशालय स्तर से होनी है जिस कारण जिलास्तर के अधिकारी हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। स्थिति यह है कि जिले में शिक्षकों के तबादलों में अभी समय लगेगा। इससे पहले 68,500 शिक्षक भर्ती के 66 शिक्षकों को तैनाती के बाद ही तबादले की वेबसाइट खोली जाएगी। स्कूल में जिस शिक्षक की वजह से आरटीई का मानक गड़बड़ हुआ होगा, उसे ही तबादले के लिए चुना जाएगा। शिक्षकों के जिले में तबादले किए जाने हैं। जिले में बाहर से आए 66 शिक्षक जब कार्यभार ग्रहण करेंगे और इनका डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट होगा, इसके बाद स्कूलों में रिक्तियों की संख्या स्पष्ट होगी।
तबादलों की प्रक्रिया में और कई फंस सकते हैं पेंच-
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादले की राह आसान नहीं होगी। जिले में स्थानांतरण आदेश में 30 अप्रैल 2022 की छात्र संख्या को आधार बनाया गया है। स्कूलों में बच्चों का प्रवेश अभी तक चल रहा है। ऐसे में 30 अप्रैल की छात्रसंख्या के आधार पर सरप्लस होने पर असंतुष्ट शिक्षकों का कोर्ट जाना तय है। ठीक ऐसा मामला 2017 में हुआ था और जिले में तबादले नहीं हो सके थे।
शर्तों की भरमार, तबादले आसान नहीं-
जिले में तबादलों के लिए जारी शासनादेश में ओपन ट्रांसफर जैसी कोई बात नहीं है। ट्रांसफर के नाम पर समायोजन का झुनझुना थमा दिया गया है। तमाम शिक्षक दंपती पिछले कई वर्षों से अलग-अलग ब्लॉक में 100 से 150 किमी की दूरी पर तैनात हैं और बच्चों के पालन-पोषण में कठिनाई उठा रहे हैं। तबादला आदेश में उनको 10 अंकों का वेटेज तो मिला है लेकिन उन्हें आवेदन का मौका नहीं मिलेगा। वहीं के शिक्षक आवेदन कर सकेंगे जहां शिक्षक सरप्लस यानी छात्र-शिक्षक अनुपात से अधिक हैं। इससे भी मामला फंस सकता है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि जिले में आए 66 शिक्षकों के स्कूल आवंटन की प्रक्रिया आदेश मिलने के बाद शुरू होगी। जनपद के अंदर स्थानांतरण के लिए साइट खुलने पर ही आवेदन लिए जाएंगे। इसके लिए आदेश का इंतजार है।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.