कॉन्वेंट के आगे फीके नहीं दिखेंगे सरकारी स्कूल
दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प होने के बाद से अब यह चुनावी मुद्दा बनने लगा है। शिक्षा को लेकर सभी प्रदेशों की सरकारें गंभीर दिख रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस ओर बड़ा कदम उठाया है।

- परिषदीय स्कूलों को उच्चीकृत करने के लिए कई योजनाएं शुरु
- स्कूलों में कम्प्यूटर, साइंस और गणित लैब भी होगी स्थापित
- एक के बाद एक स्कूलों को उच्चीकृत करने की कई योजनाएं तैयार
- स्कूलों के कायाकल्प के लिए करोड़ों खर्च करने की तैयारी
लखनऊ/ कानपुर देहात। दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प होने के बाद से अब यह चुनावी मुद्दा बनने लगा है। शिक्षा को लेकर सभी प्रदेशों की सरकारें गंभीर दिख रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस ओर बड़ा कदम उठाया है। आने वाले दिनों में सरकारी स्कूल कॉन्वेंट की चमक के आगे फीके दिखाई नहीं पड़ेंगे। स्कूलों के कायाकल्प के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने की तैयारी है। सरकार ने एक के बाद एक स्कूलों को उच्चीकृत करने की कई योजनाएं तैयार की हैं।
प्रत्येक जिले में बनेंगे मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय 1.25 करोड़ से संवारे जाएंगे-
सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों को अत्याधुनिक मल्टीस्टोरी स्कूल के रूप में अपग्रेड करने की है। प्रत्येक जनपद में मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल योजना के तहत 1.25 करोड़ रुपये से स्कूलों को संवारा जाएगा। इनमें मिड-डे-मील डायनिंग रूम, ओपन जिम, किचेन गार्डेन, बाल वाटिका, आरओ वाटर, भाषा प्रयोगशाला, आधुनिक स्मार्टक्लास, 20 कम्प्यूटरों वाली कम्प्यूटर लैब आदि की सुविधाएं होंगी। प्रत्येक ब्लॉक से एक परिषदीय स्कूल को अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। शासन ने प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक अभ्युदय विद्यालय का प्रस्ताव मांगा था।
पीएमश्री में शामिल होने को सरकारी स्कूलों में होड़-
जिले में हर ब्लॉक के दो-दो सरकारी स्कूलों को पीएमश्री योजना के तहत उच्चीकृत किया जाएगा। केंद्रीय व नवोदय विद्यालय समेत अन्य सरकारी स्कूलों से 31 दिसंबर तक आवेदन मांगे गए थे। इन स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत बच्चों को आनंदमय वातावरण में शिक्षा दी जाएगी। हरित ऊर्जा से समृद्ध इन स्कूलों में कंप्यूटर, साइंस व गणित की लैब समेत सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।
हर जिले में बनेगा एक आदर्श कम्पोजिट विद्यालय-
जिले के एक विद्यालय को आदर्श स्कूल के रूप में उच्चीकृत करने के लिए चिह्नित किया गया है। इसमें एनईपी 2020 के अनुरूप कक्षा एक से 12 तक अलग-अलग कक्षाओं का संचालन किया जा सकेगा और कक्षा 11 व 12 के लिए विज्ञान, कला व गणित विषयों के लिए अलग कक्षाओं का प्रावधान होगा। स्कूल में लगभग 800 छात्र-छात्राओं को आधुनिकतम शैक्षणिक परिवेश में शिक्षा दी जाएगी। स्कूल में पुस्तकालय, कम्प्यूटर रूम, आधुनिक साइंस (रसायन, भौतिकी व जीव विज्ञान और गणित) की लैब के साथ आधुनिक तकनीक के आधार पर स्मार्ट क्लास बनाए जाएंगे। स्कूल की डिजाइन इस तरह से बनाई गई है वह पर्यावरण हितैषी, प्राकृतिक ऊर्जा के अनुकूल होने के साथ पूरी तरह से आधुनिक बाल मैत्रिक और दिव्यांग सुलभ अवस्थापना सुविधाओं से युक्त होंगे।
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