उत्तरप्रदेशकानपुर देहातफ्रेश न्यूजलखनऊ

अनट्रेंड शिक्षामित्रों पर काले बादल का साया, विपक्षी बना रहे रणनीति

कानपुर देहात। कक्षा एक से पांच तक की शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारियों को शामिल करने की राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की 28 जून 2018 की अधिसूचना पिछले महीने 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद नये सिरे से कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है।

एनसीटीई की अधिसूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित बीएड डिग्रीधारियों को बाहर करने की मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने सर्वोच्च न्यायालय में 304 पेज की याचिका दायर की है तो दूसरी ओर बीएड डिग्रीधारी अनट्रेंड शिक्षामित्रों को परिषदीय स्कूलों से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। अब बीएड डिग्रीधारी एवं शिक्षामित्र आमने-सामने हैं।

अब शिक्षामित्रों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर ऐसे शिक्षामित्र जिन्होंने टेट या सीटेट की परीक्षा आज तक उत्तीर्ण नहीं की है और जिनकी संख्या उत्तर प्रदेश में एक लाख से अधिक है और वह आज बेसिक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं उन पर बहुत बड़ा संकट आने वाला है और ऐसे सभी शिक्षामित्र अब लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट से बाहर होंगे क्योंकि इस संबंध में रणनीतियां बनाई जा रही है और बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। उत्तर प्रदेश के डीएलएड अभ्यर्थी और बीएड अभ्यर्थी दोनों एक साथ मिलकर इस कार्य को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर करेंगे।

डीएलएड अभ्यर्थियों का कहना है कि बहुत जल्द शिक्षामित्र को भी बेसिक से हटाने का कार्य किया जाएगा क्योंकि यह अयोग्य शिक्षामित्र आज सरकार के रहमों करम पर बेसिक स्कूल में पढ़ा रहे हैं जिस कारण नई शिक्षक भर्ती नहीं आ रही और उत्तर प्रदेश सरकार इन्हीं की संख्या को जोड़कर छात्र शिक्षक अनुपात बराबर बता रही है।

Print Friendly, PDF & Email
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button