राहुल गांधी ने साधा निशाना, नोटबंदी को बताया ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का कर्ज माफ करने की चाल
रविवार को कांग्रेस की मुहिम #speakup के तहत अपने ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर कहा कि मोदी सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के लिए है, इसलिए गलतफहमी में मत रहिए- गलती हुई नहीं, जानबूझकर की गई थी.

वीडियो में राहुल गांधी कह रहे हैं कि, आज हिंदुस्तान के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत के आगे कैसे निकल गई ? एक समय था जब हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था काफी अच्छी थी. वहीं मोदी सरकार वर्तमान में अर्थव्यवस्था के बुरे हाल के लिए कोविड को जिम्मेदार ठहराती है लेकिन कोविड तो बांग्लादेश में भी है और बाकी दुनिया में भी है लेकिन हिंदुस्तान पीछे क्यों हैं?
पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था के लिए नोटबंदी है जिम्मेदार
राहुल गांधी आगे कहते हैं कि, भारत की बेहाल अर्थव्यवस्था के लिए कोविड कतई जिम्मेदार नहीं है सच्चाई तो यह है कि इसके पीछे कारण नोटबंदी है और जीएसटी है. चार साल पहले नरेंद्र मोदी जी ने हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था पर आक्रमण शुरू किया और जनता के पैर पर कुल्हाड़ी मारी. किसानों, दुकानदारों और छोटे मजदूरों को जबरदस्त चोट मिली. मनमोहन सिंह जी ने पहले ही कह दिया था कि, अर्थव्यस्था को दो प्रतिशत का नुकसान होने वाला है, वही देखने को भी मिला.
नोटबंदी पीएम मोदी की सोची-समझी चाल
राहुल गांधी कहते हैं कि, प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे काले धन के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सब झूठ था और जनता को इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा कि असलियत में आक्रमण उन पर हो रहा था. नरेंद्र मोदी, जनता के पैसे को उनसे छिनकर अपने गिने चुने दो तीन उद्योगपति मित्रों को देना चाहते थे. राहुल कहते हैं कि नोटबंदी पीएम की सोची समझी चाल थी ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपयों का कर्ज माफ किया जा सके.रही सही कसर पीएम मोदी ने गलत जीएसटी लगाकर पूरी कर दी और मिडिल बिजनेसमैन को और छोटे दुकानदारों को पूरी तरह खत्म कर दिया.
किसानों को बर्बाद कर देना चाहते हैं पीएम मोदी
राहुल कहते हैं कि, पीएम मोदी का इससे भी मन नहीं भरा, अब वे तीन नए कानून लाए हैं. ये कानून किसानों को भी पूरी तरह खत्म करने के लिए और उनके खेतों को उनके हाथों से छिनने के लिए हैं. राहुल गांधी आगे कहते हैं कि, हम सबको मिलकर लड़ना पड़ेगा. पीएम मोदी ने हमारी अर्थव्यवस्था को जो हमारी शान हुआ करती थी उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया है. अब वक्त आ गया है कि हम सब एक साथ मिलकर दोबारा हिंदुस्तान की अर्थवयवस्था को खड़ा करें.
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