कानपुर देहात: स्कूली वाहनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान, जिला प्रशासन सख्त
जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्कूल वाहन परिवहन सुरक्षा समिति के गठन और सभी आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया गया।

- फिटनेस और परमिट की अनिवार्यता
- रोड सेफ्टी क्लब का गठन
- वाहनों का सख्त सत्यापन
कानपुर देहात: जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्कूल वाहन परिवहन सुरक्षा समिति के गठन और सभी आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया गया।
प्रमुख निर्णय:
- स्कूल वाहन सुरक्षा समिति का गठन: सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे शीघ्र ही स्कूल वाहन सुरक्षा समिति का गठन करें। यह समिति स्कूली वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
- वाहनों का सत्यापन: सभी स्कूल वाहन चालकों के चरित्र प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस का सत्यापन कराया जाएगा। साथ ही, वाहनों की फिटनेस और परमिट को भी नियमित रूप से जांचा जाएगा।
- फिटनेस और परमिट: जिन वाहनों की फिटनेस या परमिट नहीं है, उनका उपयोग बच्चों के परिवहन के लिए नहीं किया जाएगा। ऐसे वाहनों के मालिकों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं और समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है।
- अनुबंधित वाहन: स्कूलों में अनुबंध पर संचालित वाहनों के लिए भी मानकों को सुनिश्चित किया जाएगा।
- निजी वाहन: स्कूलों में निजी वाहनों से आने वाले छात्रों की सूचना एकत्र की जाएगी और उनकी सुरक्षा के लिए एक कार्य योजना बनाई जाएगी।
- रोड सेफ्टी क्लब: सभी स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया जाएगा और सड़क सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जिला प्रशासन का सख्त रुख:
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
लक्ष्य:
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों को सुरक्षित यात्रा प्रदान करना है। जिला प्रशासन का मानना है कि इन उपायों से स्कूली वाहनों में होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है और बच्चों की जान को बचाया जा सकता है।
जनता की भागीदारी:
जिला प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि वे स्कूली बच्चों की सुरक्षा में सहयोग करें। यदि किसी को भी स्कूली वाहनों से संबंधित कोई समस्या दिखाई देती है, तो वह तुरंत प्रशासन को सूचित करें। कानपुर देहात जिला प्रशासन का यह कदम प्रशंसनीय है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाए गए ये कदम निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देंगे।
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