अपना देश

सेहत के संग-संग नौकरियों पर भी कोरोना की मार, एक साल के रिकॉर्ड स्तर पहुंची बेरोजगारी

शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर तो ज्यादा है ही अब ग्रामीण इलाकों में भी इसकी  रफ्तार तेज होने से कुल बेरोजगारी दर और बढ़ गई है. ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर में पिछले साल के जून महीने की तुलना में 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 17.51 फीसदी पर पहुंच गई.

नई दिल्ली,अमन यात्रा : कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए लगाए जा रहे लॉकडाउन का रोजगार पर बड़ा असर पड़ा है. पिछले कुछ सप्ताह से देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है और 16 मई को यह बढ़ कर 14.45  फीसदी पर पहुंच चुकी है. पिछले एक साल के दौरान यह देश में बेरोजगारी का टॉप लेवल है.

ग्रामीण इलाकों में भी बढ़  रही है बेरोजगारी 

शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर तो ज्यादा है ही अब ग्रामीण इलाकों में भी इसकी  रफ्तार तेज होने से कुल बेरोजगारी दर और बढ़ गई है. ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर में पिछले साल के जून महीने की तुलना में 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 17.51 फीसदी पर पहुंच गई.  सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी CMIE की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 16 मई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान ग्रामीण बेरोजगारी दर बढ़ कर 14.34 फीसदी हो गई. जबकि इसके पिछले महीने यह 7.29 फीसदी पर पहुंच गई.

संक्रमण के डर से मनरेगा में काम करने से हिचक  रहे लोग 

इस दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ कर 14. 71 फीसदी हो गई, जबकि इससे पहले के सप्ताह में यह 11.72 फीसदी थी. सीएमआईई के सीईओ और एमडी महेश व्यास का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर बढ़ने का मतलब यह है कि इन इलाकों में कोविड संक्रमण बढ़ रहा है. एक तरफ बेरोजगारी में इजाफा हो रहा है दूसरी ओर लोग संक्रमण के डर की वजह से मनरेगा के तहत काम नहीं करना चाह रहे हैं. इससे मनरेगा में एनरॉल होने वाले लोगों की तादाद घट रही है.

मनरेगा की वेबसाइट के मुताबिक 17 मई तक इस स्कीम के तहत 4.88 करोड़ लोगों ने काम मांगा था इनमें से 4.29  करोड़ लोगों का काम मिला था. लेकिन इनमें से 3.14 करोड़ लोग ही काम करने आए. इससे पता चलता है कि लोग संक्रमण के डर की वजह से इसके तहत काम करने नहीं आ रहे हैं. एक्सएलआरआई के प्रोफेसर और जाने-माने श्रम अर्थशास्त्री के. श्याम  सुंदर का कहना है कि कोविड संक्रमण के ग्रामीण इलाके में पहुंच जाने से लोगों में डर बढ़ गया है. इसके  साथ ही केंद्र से अलग-अलग योजनाओं के  लिए जारी होने वाले फंड में कमी आई है. इससे लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है.

Print Friendly, PDF & Email
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button