सड़क बनी तालाब लोग परेशान, कई सप्ताह से पानी सड़कों पर जिम्मेदार मौन
बुधवार को हुई जरा सी बारिश ने सड़कों के गड्ढों को भरे जाने के सरकारी दावों की पोल खोल दी।सड़कों पर तालाब जैसा नजारा दिखा। जलभराव में सड़कों के गड्ढे नहीं दिखने की वजह से कई राहगीर गिरते-गिरते बचे।

अमन यात्रा, कानपुर। बुधवार को हुई जरा सी बारिश ने सड़कों के गड्ढों को भरे जाने के सरकारी दावों की पोल खोल दी।सड़कों पर तालाब जैसा नजारा दिखा। जलभराव में सड़कों के गड्ढे नहीं दिखने की वजह से कई राहगीर गिरते-गिरते बचे।
लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हुई। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा सड़कों के गड्ढों को भरने के निर्देशों की अनदेखी के कारण सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वार्ड 82 जरौली फेस 2 आनंद साउथ सिटी से वनपुरवा की ओर जाने वाली सड़क की ऐसी हालत है कि जैसे कि कोई पहाड़ी इलाके में भ्रमण कर रहा हो। सरकारी शराब की दुकानों के सामने सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। हल्की सी बारिश होने पर वहां जलभराव हो जाता है। जलभराव से राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दोपहिया वाहन चालक अधिकतर हादसे का शिकार होते हैं और ई-रिक्शा पलट जाते हैं। गौरतलब है कि आनंद साउथ सिटी के पास से वनपुरवा की ओर जाने वाला मार्ग शहर से अनेक गांवों को जोड़ता है जिससे यह अत्यधिक व्यस्त मार्ग है। ट्रैक्टर, ट्रक, ऑटो आदि वाहनों के कारण मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जरा सी बारिश में गड्ढे लबालब पानी से भर जाते हैं और वाहन चालक अक्सर हादसों का शिकार हो जाते हैं। बुधवार की सुबह ई-रिक्शा पलट गया। गनीमत रही कि रिक्शा चालक ने सवारियां पहले ही उतार दी थीं। क्षेत्रवासी आनंद, योगेंद्र, विनय, कपिल इत्यादि ने बताया कि सड़क की मरम्मत के लिए ऑनलाइन शिकायत करने पर दो तीन ट्राली ईंट डाली गई लेकिन उसे फैलाकर गड्ढे नहीं भरे गए।
बड़े-बड़े गड्ढे होने की वजह से बरसात का पानी भी भरा रहता है यहां से गुजरने वाले लोग यह समझ नहीं पाते कि यहां पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और वे हादसे का शिकार हो जाते हैं। इस खबर को पहले भी कई समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किया था लेकिन प्रशासन के कानों तक जू तक नहीं रेंगा और इसकी ओर कोई ध्यान तक नहीं दिया जिसका कारण आज भी क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। क्षेत्रीय लोग एवं राहगीर मुख्य मार्ग की मरम्मत की मांग कर रहे हैं लेकिन जिम्मेदार मौन बने हुए हैं।
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