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10 अप्रैल तक एआरपी चयन प्रक्रिया पूर्ण करने के दिए गए निर्देश, पूर्व में कार्यरत को भेजा गया मूल विद्यालय

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए एआरपी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। राज्य परियोजना निदेशालय ने सभी डायट प्राचार्य व बीएसए को इनका चयन 10 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने जिलेभर के 44 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को तीन साल पूरे होने पर उनके मूल विद्यालय में वापस कर दिया गया है।

कानपुर देहात। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए एआरपी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। राज्य परियोजना निदेशालय ने सभी डायट प्राचार्य व बीएसए को इनका चयन 10 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने जिलेभर के 44 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को तीन साल पूरे होने पर उनके मूल विद्यालय में वापस कर दिया गया है।

इस संबंध में बीएसए ने आदेश जारी कर दिया है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत एआरपी का चयन तीन साल पहले किया गया था। इनका दायित्व था कि परिषदीय स्कूलों में सहयोगात्मक सपोर्टिव पर्यवेक्षण का काम करेंगे। शासन के आदेश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन साल पूरा कर चुके एआरपी को मूल पद सहायक अध्यापक के पद पर वापस कर दिया है। इसके साथ ही सभी को आदेश दिया गया है कि सभी अपने तैनाती वाले मूल विद्यालय में पहुंचकर अध्यापन कार्य करें और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का काम करें। मूल पद पर वापस भेजे जाने से परिषदीय स्कूलों में 44 शिक्षकों की एक तरह से कमी पूरी हो गई है। अब नए एआरपी के चयन की कार्यवाही की जाएगी। एआरपी पद के चयन के लिए शिक्षक को कम से कम 5 साल का शिक्षण अनुभव होना चाहिए उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं होनी चाहिए और रिटायरमेंट के लिए कम से कम 10 साल का समय बचा होना चाहिए।

शिक्षक को हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और अंग्रेजी विषयों में से किसी एक में विशेषज्ञता प्राप्त होनी चाहिए। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, माइक्रो टीचिंग और साक्षात्कार शामिल हैं। इन सभी चरणों में प्राप्त अंकों के आधार पर वरीयता सूची तैयार की जाती है और उसी के अनुसार एआरपी की नियुक्ति की जाती है। प्रत्येक विकासखंड में हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विषय, विज्ञान और गणित विषय के पांच-पांच विषय विशेषज्ञों का चयन किया जाता है।

कार्यमुक्त किए गए एआरपी-
अकबरपुर विकासखंड में कार्यरत एआरपी नवजोत सिंह, मंजूल मिश्रा, अजय प्रताप, ज्योत्सना गुप्ता, सत्येन्द्र सिंह, अमरौधा विकासखंड में कार्यरत अखिलेश कुमार यादव, रवि द्विवेदी, मनोज शुक्ला, दिनेश बाबू, प्रवीण त्रिपाठी, डेरापुर विकासखंड में कार्यरत जितेंद्र कुमार, उदय सिंह, सुमित सचान, विवेक बाजपेयी, श्रवण कुमार दीक्षित, झींझक विकासखंड में कार्यरत शशांक शेखर सिंह, अभिषेक गुप्ता, सूर्य प्रताप सिंह, आलोक गुप्ता, आत्म प्रकाश मिश्र, मलासा विकासखंड में कार्यरत नौसाद अहमद, विवेक पाल, अनुराग पाण्डेय, सुनील कुमार, अविनाश सचान, मैंथा विकासखंड में कार्यरत विमल चन्द्राकर, कृष्ण चन्द्र मिश्रा, अनूप अवस्थी, शैलेन्द्र सिंह, मनीष अरोरा, रसूलाबाद विकासखंड में कार्यरत आशीष द्विवेदी, गौरव सिंह गौर, पवन सिंह, राजपुर विकासखंड में कार्यरत अजीत कटियार, अखिलेश कुमार, कन्हैया कुमार, सौरभ सचान, संदलपुर विकासखंड में कार्यरत मोहम्मद शमी, गौरव राजपूत एवं सरवनखेड़ा विकासखंड में कार्यरत संजय शुक्ला, रुचिर मिश्र, सौरभ यादव, अरूण दीक्षित, लाल चन्द्र सिंह को उनके मूल विद्यालय के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है।

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Author: aman yatra


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