स्कूल का प्रदर्शन कमजोर तो शिक्षकों को दिया जायेगा पुन: प्रशिक्षण
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद शिक्षा का पूरा क्षेत्र बड़े सुधारों के दौर से गुजर रहा है। इसका बड़ा फोकस सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने पर है। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए नए नए मानकों पर काम हो रहा है जिसके आधार पर उन्हें नई उड़ान भरने का रास्ता मिलेगा।

अमन यात्रा , कानपुर देहात। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद शिक्षा का पूरा क्षेत्र बड़े सुधारों के दौर से गुजर रहा है। इसका बड़ा फोकस सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने पर है। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए नए नए मानकों पर काम हो रहा है जिसके आधार पर उन्हें नई उड़ान भरने का रास्ता मिलेगा। फिलहाल बजट में केंद्र सरकार शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ा एक बड़ा एलान किया है। इसमें ऐसे सभी शिक्षकों को फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा जिनके स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर रहेगा। शिक्षकों को यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के वाइब्रेट एक्सीलेंस संस्थान के रूप तैयार करने का एलान किया गया है। शिक्षकों को यह प्रशिक्षण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनाए जाने वाले सभी नवाचारों व मानकों के आधार पर दिया जाएगा। इतना ही नहीं प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में विद्या समीक्षा केंद्र के नाम से एक मानीटरिंग सेंटर भी स्थापित होगा। ट्रायल के तौर पर एनसीईआरटी ने इसका माडल भी विकसित कर लिया है।
स्कूलों की निगरानी जिला स्तर से ही देश में मौजूदा समय में देश में करीब 15 लाख स्कूल हैं। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय के स्तर से सभी पर नजर रखना मुश्किल है। यही वजह है कि केंद्र सरकार स्कूलों की निगरानी जिला स्तर से ही करने की तैयारी कर रही है। खास बात यह है कि बजट में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को वाइब्रेंट एक्सीलेंस संस्थान के रूप में तैयार करने के सरकार के एलान से पहले ही शिक्षा मंत्रालय इनमें खाली पड़े पदों को भरने की पहल शुरू कर चुका है।
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