खेल सामग्री का बजट कितना किया खर्च विद्यालय पहुंचकर जाचेंगे अधिकारी
जिले के परिषदीय विद्यालयों में खेलकूद सामग्री की जांच होगी। पता लगाया जाएगा कि महीने भर में स्कूल प्रशासन ने कितनी खेल सामग्री खरीदी। साथ ही किस कंपनी का सामान क्रय किया गया। खेलकूद सामग्री के नाम पर खानापूर्ति करने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी

कानपुर देहात। जिले के परिषदीय विद्यालयों में खेलकूद सामग्री की जांच होगी। पता लगाया जाएगा कि महीने भर में स्कूल प्रशासन ने कितनी खेल सामग्री खरीदी। साथ ही किस कंपनी का सामान क्रय किया गया। खेलकूद सामग्री के नाम पर खानापूर्ति करने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों और जिला समन्वयक की टीम बनाई गई है। लास्ट मई से टीम विद्यालयों में पहुंचना शुरू करेगी।
जिले में 1925 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। बेसिक शिक्षा विभाग एक ओर जहां परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। इसके तहत बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं शारीरिक और मानसिक विकास पर भी नजर है। इसी क्रम में शासन ने मार्च में परिषदीय स्कूलों में खेलकूद सामग्री के लिए धनराशि जारी की है। प्राथमिक विद्यालयों को पांच हजार जबकि उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों को दस-दस हजार रुपये खेल सामग्री खरीदने हेतु जारी किए गए हैं। प्राथमिक स्कूलों को 11 जबकि जूनियर स्तर पर 16 प्रकार की खेल सामग्री खरीदी जानी थी। इससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पारंपरिक खेलों खो-खो, कबड्डी, फुटबाल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल के साथ ही एथलेटिक्स, बैडमिंटन, शतरंज व कैरम आदि में दक्ष बनाया जाएगा। जानकारी के अनुसार करीब महीने भर बाद भी बड़ी संख्या में विद्यालयों ने खेल सामग्री नहीं खरीदी है जबकि कई विद्यालयों ने चुनिंदा सामान खरीदकर कोरम पूरा कर लिया। शिकायत मिलने पर विभाग ने अब एक-एक विद्यालय का भौतिक सत्यापन करने की योजना बनाई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने कहा कि स्कूल के एसएमसी खाते में पैसा भेजा गया था। उन्हें ही गुणवत्तापरक निर्धारित मानक के अनुसार खेल सामग्री खरीदनी थी। जांच की जाएगी अगर किसी भी स्तर पर खामी पाई जाती है तो संबंधित प्रधानाध्यापक पर कार्यवाही की जाएगी।
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