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गौशालाओं की देखरेख करने वाले जिम्मेदारों की  अनदेखी से कड़ाके की ठंड में गौवंश ठिठुरने को मजबूर

आवारा गौवंशो के संरक्षण के लिए एवं किसानों की फसलों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा जगह-जगह पर खोली गई गौशालाऐं  पूरी तरह से अव्यवस्था की भेंट चढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

Story Highlights
  • गौ शाला की व्यवस्था के बारे में ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत भी की जा चुकी है।

अमन यात्रा, शिवली। आवारा गौवंशो के संरक्षण के लिए एवं किसानों की फसलों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा जगह-जगह पर खोली गई गौशालाऐं  पूरी तरह से अव्यवस्था की भेंट चढ़ती हुई नजर आ रही हैं। गौशालाओं की देखरेख करने वाले जिम्मेदारों की  अनदेखी एवं खूब कमाऊ नीति चलते इन दिनों गौशालाओं में संरक्षित गौवंश जहां कड़ाके की ठंड में ठिठुरने को मजबूर हो रहे हैं वही सूखा भूसा खाकर अपना पेट भर रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा मैथा तहसील क्षेत्र की ग्राम सभा ककरदही स्थित गौशाला में देखने को मिला। ग्रामीणों द्वारा इस गौशाला में व्याप्त अनियमितताओं के बारे में कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की जा चुकी है।

आवारा गौवंशों को संरक्षित करने के लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जगह-जगह पर गौशाला स्थापित करवाई गई हैं। इन गौशालाओं की देखरेख के लिए सरकारों द्वारा पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात जैसा नजर आ रहा है। गौशालाओं में संरक्षित गौ वंश अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाते नजर आ रहे हैं। अधिकारी भले ही गौशालाओं की सभी व्यवस्थाओं को चाक- चौबंद रखने के लिए दिशा निर्देश देते रहते हो लेकिन जिम्मेदार लोगों की अनदेखी एवं खाऊ कमाऊ नीति के चलते बुरा हाल है। कहीं कड़ाके की ठंड में इन गौशालाओं में संरक्षित गौवंश ठिठुरते नजर आ रहे हैं तो कहीं सूखा भूसा खाकर अपना पेट भर रहे हैं। लगातार सूखा खाने से गौवंशों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसा ही कुछ नजारा मैथा तहसील क्षेत्र की ग्राम सभा ककरदही स्थित गौशाला का देखने को मिल रहा है। गौशाला के अंदर कड़ाके की ठंड में भी संरक्षित पशु खुले आसमान के नीचे सूखा भूसा खाते हुए नजर आए। ठंड लगने से दो गाय बीमार भी दिखाई पड़ीं। इस गौ शाला की व्यवस्था के बारे में ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत भी की जा चुकी है। भाजयुमो मंडल अध्यक्ष राहुल तिवारी ने बताया कि गौशाला में संरक्षित पशुओं को गौशाला से बाहर निकाल कर आसपास के खेतों में चराया जाता है ताकि चारा बचाया जा सके। उक्त गौशाला की देखभाल करने वाले ग्राम प्रधान गुड्डन देवी के पति अनिल यादव ने बताया कि गौशाला में 115 गौवंश संरक्षित हैं। एक साथ सभी को छाया में बांधने का प्रबंध नहीं है।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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