कानपुर

UP के कॉलेजों में स्टार्टअप सिस्टम विकसित करेंगे आइआइटियंस, तकनीकी मदद से स्टूडेंट्स लेंगे ट्रेनिंग, जानिए- प्रक्रिया

आइआइटी के स्टार्टअप इनोवेशन इंक्यूबेशन सेंटर (एसआइआइसी) में छात्र-छात्राओं और युवाओं का उद्यमिता विकास किया जाता है। कई आइडिया और उसके उत्पादक देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्धि बटोर रहे हैं। अब अन्य संस्थानों में भी स्टार्टअप को मजबूत किया जाएगा।

 

कानपुर, अमन यात्रा। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों में स्टार्टअप सिस्टम को मजबूत करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वहां के छात्रों को उद्यमिता विकास, उत्पाद तैयार करने और कंपनी बनाने का फंडा सिखाया जाएगा। यह सब आइआइटी कानपुर और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कोऑपोरेशन (आरईसी) के सहयोग से होने जा रहा है।

पांच इनोवेटिव मॉडल को मिलेंगे 2.5 लाख रुपये

पहले चरण में 20 इंजीनियरिंग, कृषि और विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। यहां के छात्रों का रिसर्च एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाएगा, जिसमें से 1200 छात्र चयनित होंगे। उन्हें संस्थान के विशेषज्ञों के सहयोग से इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें नए उत्पाद तैयार करने के लिए कहा जाएगा, जो कि कृषि, स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित रहेंगे। इसमें से 25 टीमों (तीन से पांच सदस्य) को स्टार्टअप के लिए चयनित किया जाएगा, जिनमें से पांच सबसे बेहतर आइडिया और मॉडल को 2.5 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। उनको स्टार्टअप के लिए 50 लाख तक की मदद दी जा सकती है। आइआइटी के स्टार्टअप इनोवेशन इंक्यूबेशन सेंटर (एसआइआइसी) में छात्र-छात्राओं और युवाओं का उद्यमिता विकास किया जाता है। कई आइडिया और उसके उत्पादक देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्धि बटोर रहे हैं। अब आइआइटी के अधिकारी प्रदेश के अन्य संस्थानों में भी स्टार्टअप को मजबूत करना चाहते हैं।

ऑनलाइन होगा रिसर्च एप्टीट्यूड टेस्ट

एसआइआइसी के हेड ऑफ स्ट्रेटिजी राहुल पटेल ने बताया कि 20 संस्थानों के छात्रों का ऑनलाइन रिसर्च एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाएगा, जिसमें 1200 छात्र चयनित किए जाएंगे। उन्हें दो बार संस्थान में बुलाया जाएगा। संस्थान के विशेषज्ञों का तकनीकी ज्ञान मिलेगा। टेस्ट लॉजिकल, एप्टीट््यूड पर आधारित होगा।

शिक्षकों का होगा प्रशिक्षण

हर संस्थान से एक को-ऑर्डिनेटर बनाया जाएगा, जिनकी अगुवाई में छात्र उद्यमिता विकास करेंगे। वहां के पांच छह शिक्षकों को मेंटर की जिम्मेदारी दी जाएगी। उन कोऑर्डिनेटर ओर शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा।

ये संस्थान व विश्वविद्यालय शामिल

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि, गोरखपुर का मदन मोहन मालवीय तकनीकी विवि, बांदा का कृषि विवि, बीआइईटी झांसी, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, डॉ. आंबेडकर इंस्टीट््यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड, उप्र वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान, केएनआइटी, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा व कन्नौज।

 

 

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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