कानपुर

UP Budget 2021: जानिए- कानपुर में स्वास्थ्य, परिवहन और प्रदूषण की समस्या निदान को क्या हुए प्रावधान

कानपुर शहर को उत्तर प्रदेश राज्य के बजट में काफी कुछ मिला है। शहर में मेडिकल कॉलेज समेत तीनों संस्थानों के लिए 42 करोड़ रुपये मिले हैं वहीं प्रदूषण के निजात के लिए पौधरोपण की तैयारी भी की जा रही है।

कानपुर, अमन यात्रा। उत्तर प्रदेश सरकार का बजट इस बार कानपुर शहर के लिए भी खास रहा है। विकास कार्यों के अलावा स्वास्थ्य, परिवहन और प्रदूषण की समस्या पर भी ध्यान दिया गया है। मेडिकल कॉलेज समेत शहर के तीनों संस्थानों में संसाधन बढ़ाने के लिए 42 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है तो शहर के झकरकटी बस अड्डे को अपग्रेड करके मॉडल स्टेशन बनाया जाएगा। इसी तरह प्रदूषण कम करने के लिए 42 लाख पौधे लगाने की तैयारी की गई है।

मेडिकल कॉलेज को मिले 20 करोड़ रुपये

कोरोना महामारी के बाद से केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार भी स्वास्थ्य क्षेत्र एवं उससे जुड़े संस्थानों के लिए झोली खोल दी है। राज्य सरकार ने अपने बजट में जीएसवीएम समेत तीनों संस्थानों के लिए 42 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, हैलट एवं उससे संबद्ध अस्पतालों में बड़े निर्माण कार्य के वृहद निर्माण मद में 20 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इसी तरह लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में बड़े कार्यों के लिए 12 करोड़ की धनराशि का बंदोबस्त किया गया है। इसी तरह राजकीय जेके कैंसर संस्थान में वृहद निर्माण मद में इस बार 10 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

दवाओं में भी बढ़े डेढ़ करोड़ रुपये

हैलट अस्पताल में दवाइयों का बजट अभी तक 13 करोड़ रुपये था। इसमें डेढ़ करोड़ रुपये बढ़ा दिए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 14.52 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इसी तरह हृदय रोग संस्थान को भी 14.52 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज एवं उससे जुड़े संस्थानों के बेहतर कार्यों को देखते हुए बजट में इस बार वृहद निर्माण मद में अतिरिक्त धनराशि का प्रविधान किया गया है। इससे मेडिकल कॉलेज में सुविधाएं और संसाधन बढ़ेंगे।

पीपीपी से मॉडल स्टेशन बनेगा झकरकटी बस अड्डा

झकरकटी बस अड्डे को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत मॉडल बनाने की दिशा में अब तेजी से कवायद शुरू होगी। प्रदेश सरकार ने भी बजट में बस अड्डों के विकास पर जोर दिया है। इस बस अड्डे के विकास के पिछले साल से ही प्रयास हो रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही उप्र राज्य परिवहन निगम टेंडर की प्रक्रिया शुरू करेगा और नए वित्तीय वर्ष में यहां काम शुरू कराएगा। प्रदेश सरकार 17 बस स्टेशनों को मॉडल बस स्टेशन के रूप में विकसित करना चाहती है। इसमें प्रयागराज, कानपुर, आगरा, वाराणसी, मथुरा जिलों के बस अड्डे शामिल हैं। इसके लिए 2548 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसमें झकरकटी बस अड्डे के विकास पर 166 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस राशि से ही यहां सुविधाओं का विकास होना है। झकरकटी बस अड्डा परिसर की स्थिति बहुत ही खराब है। यहां परिसर में बिछाई गईं ईंटें धंस गई हैं। ऐसे में यात्री गिर कर चुटहिल होते हैं।

झकरकटी से ही दिल्ली, हरिद्वार समेत कई शहरों के लिए बसें जाती हैं। अंतरराज्यीय बस स्टेशन होने के कारण यहां करीब दो हजार बसों का संचालन होता है, लेकिन यहां पर सुविधाएं बहुत अच्छी नहीं हैं। सुविधाओं के विकास के लिए ही प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप का मॉडल चुना गया है। 26,765 वर्गमीटर में फैले इस बस अड्डे पर रेस्टोरेंट, शॉङ्क्षपग कांप्लेक्स, बसों के प्लेटफार्म, मोबाइल चार्जर, वातानुकूलित यात्री प्रतीक्षालय, इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग का स्टेशन, होटल आदि स्थापित किए जाएंगे। होटल होगा तो देर रात बसों से उतरने वाले यात्री यहीं ठहर सकेंगे। इसके साथ ही यात्रियों को यहां शॉङ्क्षपग करने भी आसानी होगी। प्लेटफार्म का निर्धारण होने से उन्हें बसों में सवार होने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

प्रदूषण कम करने को लगाए जाएंगे 42 लाख पौधे

प्रदूषण को कम करने और हरियाली बढ़ाने के लिए प्रदेश के बजट में पौधारोपण को प्राथमिकता पर रखा गया है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार अधिक पौधे लगाए जाने के साथ औषधीय पौधों को बढ़ाए जाने की योजना है। बजट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाएगा। इसके लिए बजट बढ़ाया गया है।

बजट जारी होने से पहले ही शहर में पौधारोपण की तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। इस बार जिले में 42 लाख पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है। इसमें सर्वाधिक पौधे वन विभाग लगाएगा। नगर निगम, उद्योग, प्रदूषण विभाग, ग्राम पंचायत समेत विभिन्न विभागों को इसका लक्ष्य दिया जा रहा है। जुलाई से पौधारोपण का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा। इस बार औषधीय पौधों की संख्या बढ़ाने की योजना है। ऊसर जमीन पर अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं, इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। पिछले वर्ष करीब 35 लाख पौधे लगाए गए थे, इस बार उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रभागीय वन अधिकारी अरविंद कुमार यादव ने बताया कि मानसून के दौरान नीम, जामुन, पीपल, अमरूद व आम समेत अन्य पौधे लगाए जाने हैं।

90 फीसद पौधे सुरक्षित

वन विभाग की ओर से पिछले मानसून में लगाए गए पौधों में से 90 फीसद सुरक्षित हैं। अन्य विभागों ने जो पौधे शहर के विभिन्न स्थानों व पार्कों में लगाए थे उनमें से भी 70 से 80 फीसद तक ङ्क्षजदा हैं। इस बार पौधों की संख्या बढ़ाए जाने के साथ उनके रखरखाव के लिए भी विशेष टीम गठित किए जाने की योजना है। इस टीम में वन विभाग के साथ जिला प्रशासन, वन विभाग, नगर निगम व उद्योग विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।

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Author: aman yatra


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