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अमेरिका की जनता अपने 46वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मंगलवार (तीन नवंबर) को वोट डालेगी. कई राज्यों में सुबह छह बजे से वोटिंग शुरू हो जाएगी. रात नौ बजे तक वोटिंग प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. अमेरिका के सभी 50 राज्यों में एक साथ वोटिंग होगी. करीब 24 करोड़ मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
9 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाला वोट
चुनाव दिवस की पूर्व संध्या पर कम से कम 9.2 करोड़ लोगों ने पहले ही मतदान किया है. यह 2016 के आम चुनावों में गिने गए कुल मतों में से लगभग दो-तिहाई है. यूएस टुडे में छपी खबर के अनुसार अमेरिका में 25.7 करोड़ से अधिक लोग 18 या उससे अधिक उम्र के हैं. करीब 24 करोड़ लोग इस साल वोटिंग के योग्य हैं. योग्य मतदाताओं में विदेश में रहने वाले अमेरिकी लोग भी शामिल हैं.
कब आएंगे नतीजे
पुख्ता तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इस बार वोटिंग के दिन यानि 3 नवंबर के रात में ही चुनाव परिणामों की घोषणा हो जाएगी. हालांकि नतीजों का अनुमान वोटिंग खत्म होते ही मिल जाएगा. इस बार मेल इन बैलेट और पोस्टल बैलेट का आंकड़ा बढ़ा है. पेन्सिलवेनिया और मिशिगन के अफसर कह चुके हैं कि काउंटिंग में उन्हें तीन दिन लग सकते हैं.
हालांकि अगर 48 राज्यों से साफ नतीजे आ गए तो पेन्सिलवेनिया और नॉर्थ कैरोलिना के मेल इन बैलट्स की गणना बहुत मायने नहीं रखेगा. अगर मुकाबला करीबी हुआ तो नतीजों के लिए तीन दिन इंतजार करना पड़ सकता है.
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में ट्रंप
ट्रंप ने कहा है कि उनकी टीम चुनाव वाली रात को ही कानूनी लड़ाई शुरू करने के लिए तैयारी कर रही है. ट्रंप सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से खुश नहीं है जिसमें कोर्ट ने पेन्सिलवेनिया और नॉर्थ कैरोलिना में मेल इन बैलट्स की गिनती इलेक्शन डे के बाद भी करने की अनुमति दी है.
ट्रंप ने कहा, ”मेरा मानना है कि यह खतरनाक बात है कि किसी चुनाव के बाद मतपत्र एकत्रित किये जा सकें. मुझे लगता है कि यह खतरनाक बात है कि जब लोगों या राज्यों को चुनाव संपन्न होने के बाद लंबे समय के लिए मतपत्रों को जमा करने की इजाजत हो क्योंकि इससे केवल एक ही चीज हो सकती है.”
उन्होंने अनेक मतदान क्षेत्रों में चुनाव वाले दिन के बाद मतपत्र प्राप्त किए जाने की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, ” हम चुनाव होते ही उसी रात अपने वकीलों के साथ तैयार होंगे. मुझे लगता है कि इससे एक बड़ा खतरा है और बड़े स्तर पर धोखाधड़ी तथा दुरुपयोग हो सकता है. यह खतरनाक बात है कि हम कंप्यूटर के आधुनिक जमाने में भी चुनाव वाली रात ही परिणाम नहीं जान सकते.”
अगर मामला सुप्रीम कोर्ट में जाता है तो चुनावी परिणाम आने में ज्यादा देर सकती है. बता दें कि विजयी उम्मीदवार को 20 जनवरी 2021 को अपना कार्यकाल संभालना होगा.
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