आधार कार्ड से धोखाधड़ी रोक देगी नई मशीन
आधार के जरिए होने वाली बायोमीट्रिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए आने वाले दिनों में नई व्यवस्था आने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस साल के आखिर तक देश भर में नई तकनीक से लैस एल-1 डिवाइस आ जाएगी।
- बायोमीट्रिक फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आएगी और मजबूत व्यवस्था
- बायोमीट्रिक फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आएगी और मजबूत व्यवस्था, दूसरे आदमी की उंगलियों के निशान लगाने वालों की होगी पहचान
अमन यात्रा, लखनऊ । आधार के जरिए होने वाली बायोमीट्रिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए आने वाले दिनों में नई व्यवस्था आने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस साल के आखिर तक देश भर में नई तकनीक से लैस एल-1 डिवाइस आ जाएगी। इस नई मशीन के जरिए फर्जीवाड़ा को बिल्कुल ही कम करने का दावा किया जा रहा है।
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मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि इस नई मशीन में जैसे ही किसी व्यक्ति ने गलत तरीके से बॉयोमीट्रिक प्रमाणीकरण करने की कोशिश की तो मशीन काम नहीं करेगी। इससे न केवल फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों का पता लगाना आसान हो जाएगा बल्कि मशीन के काम करना बंद कर देने से नुकसान को भी बचाया जा सकेगा।पिछले साल फरवरी से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जिसके जरिए फर्जी और असली फिंगर प्रिंट को अलग करके जांचा जा रहा है।
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आर्टिफिशियल तकनीक के जरिए सिलिकॉन फिंगर प्रिंट या नकली उंगलियों के निशान लगाकर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण करने वालों को पहचाना जाना संभव हो गया है। अभी तक कई इंटरनेट एवं साइबर क्राइम वाले लोग लोगों के फर्जी फिंगरप्रिंट बनाकर उससे आधार प्रमाणीकरण करके कई गलत कार्यों को करते थे, कई लोग तो दूसरों के आधार के फिंगर को लगाकर बैंक से रुपए तक निकाल लेते थे अब नई तकनीक आ जाने पर ऐसी वारदातों पर लगाम लग सकेगी।
एनक्रिप्टेड में बदल जाएगी जानकारी-
यूआईडीएआई अब एक ऐसी व्यवस्था पर भी काम कर रहा है जिसके जरिए फिंगर प्रिंट का डाटा कंप्यूटर में पहुंचने के बजाए मशीन पर अंगूठा लगाने के साथ ही एनक्रिप्टेड यानी कोड में परिवर्तित हो जाएगा। इससे यह व्यवस्था और पुख्ता हो जाएगी। देश में जिस हिसाब से आधार की जरूरत बढ़ती जा रही है उसी पैमाने पर उसकी सुरक्षा को भी पुख्ता करने की कवायद हो रही है ताकि लोगों के साथ किसी भी प्रकार से कोई भी धोखाधड़ी न हो सके।