एमडीएम खाद्यान्न एवं कनवर्जन कॉस्ट का गुरु जी को देना होगा हिसाब
परिषदीय विद्यालयों में कोरोनाकाल के दौरान अभिभावकों को वितरित किए गए मिड-डे-मील के खाद्यान्न और कनवर्जन कास्ट का हिसाब देना होगा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने वितरण का ब्योरा मांगा है। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मिड-डे-मील योजना चलाई गई है।
कानपुर देहात, अमन यात्रा : परिषदीय विद्यालयों में कोरोनाकाल के दौरान अभिभावकों को वितरित किए गए मिड-डे-मील के खाद्यान्न और कनवर्जन कास्ट का हिसाब देना होगा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने वितरण का ब्योरा मांगा है। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मिड-डे-मील योजना चलाई गई है। कोरोना में विद्यालय बंद थे इसके कारण मिड-डे मील की जगह बच्चों के अभिभावकों को उसका खाद्यान्न और कनवर्जन कास्ट दिया गया था।इसकी पर्ची विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने काटी थी जिसे कोटे की राशन की दुकानों पर जमाकर अभिभावकों ने राशन लिया था।
कनवर्जन कास्ट विद्यालयों के एमडीएम खाते से अभिभावकों के खाते में स्थानांतरित की गई थी। वर्ष 2021 में प्राथमिक विद्यालयों में 94 दिन का 9400 किलोग्राम (गेहूं 3.200 किग्रा व चावल 6.200 किग्रा) प्रति छात्र खाद्यान्न दिया गया था। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 87 दिनों का 13.05 किलोग्राम (गेहूं 4.350 किग्रा व चावल 8.700 किग्रा था। इसी प्रकार प्राथमिक विद्यालयों में 128 दिन का 636. रुपये प्रति छात्र और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 121 दिन का 901 रुपये प्रति छात्र लागत राशि खाते में कनवर्जन कास्ट के रूप में जमा कराई गई थी।
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निदेशक मध्याहन भोजन ने वितरण में अनियमितताओं की जानकारी पर अभिभावकों को दिए गए व कनवर्जन कास्ट का ब्योरा मांगा है। जांच में अनियमितता मिलने पर संबंधित प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।