जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने भ्रष्टाचार का आरोप लगा लेखा कार्यालय पर किया धरना प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने गुरुवार को बीआरसी अकबरपुर स्थित लेखा कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया।
- लेखाधिकारी ने भ्रष्टाचार के झूठे वा मनगढ़ंत आरोप लगाने वाले शिक्षक संघ के नेता को जारी की नोटिस, मांगा साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण
अमन यात्रा, कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने गुरुवार को बीआरसी अकबरपुर स्थित लेखा कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। लेखाधिकारी के मौजूद न होने पर फोन से बात करने की कोशिश की। आरोप लगाया कि फोन नहीं उठाया गया।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि शिक्षकों के एरियर सहित अन्य जरूरी कार्यों के लिए सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। ऐसा न करने वाले शिक्षक को महीने भर से परेशान किया जाता है। शिक्षकों के एरियर संग अन्य भुगतान नहीं हुआ तो वह अनशन करने के लिए बाध्य होंगे। वहीं लेखाधिकारी का कहना है कि अधोहस्ताक्षरी कार्यालय पर भ्रष्टाचार के झूठे व मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।
मीडिया में गलत अफवाह फैलाई जा रही है। विभाग को बदनाम करने की कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी, नियम के अनुसार ही सभी देयकों का भुगतान किया जा रहा है और किया जाएगा, किसी के दबाव में कोई भी गलत कार्य स्वीकार नहीं होगा। इतना ही नहीं लेखा कार्यालय की छवि को धूमिल करने के आरोप में वित्त एवं लेखाधिकारी ने उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी कर साक्ष्य सहित जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने नोटिस पत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ शाखा कानपुर देहात की हैसियत से आप द्वारा अन्य पदाधिकारियों के साथ अधोहस्ताक्षरी कार्यालय पर समय-समय पर भ्रष्टाचार के झूठे व मनगढन्त आरोप लगाये गये हैं। जैसा कि आपको पूर्व में भी अवगत कराया गया है कि समूह ख ग घ के सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध की गयी शिकायतों के सम्बन्ध में शासनादेश संख्या-13/1/97-का-1/1997 दिनांक 01.08.1997 के प्राविधान लागू होते हैं जिसके अन्तर्गत शिकायतकर्ता से शिकायतों के बारे में शपथपत्र उपलब्ध कराने तथा शिकायतों की पुष्टि हेतु समुचित साक्ष्य उपलब्ध कराने का प्राविधान है। आप द्वारा जो भी शिकायतें अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय के विरूद्ध की गयी हैं में उक्त शासनादेश दिनांक 01.08.1997 का अनुपालन नहीं किया गया है अपितु तथ्यहीन तथा अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं जिनका मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार कर कार्यालय की छवि धूमिल की जाती रही है। आप द्वारा धरना प्रदर्शन के नाम पर कार्यालय के कार्यों को बाधित किया जा रहा है तथा ऐसे कार्य किये जा रहे हैं जो सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न करने के साथ-साथ एक राजपत्रित अधिकारी की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे है। दिनांक 18 मार्च को आप के पदाधिकारी संजय सचान एवं अन्य सहयोगियों द्वारा बीआरसी अकबरपुर परिसर में आयोजित धरना प्रदर्शन के दौरान अधोहस्ताक्षरी कार्यालय के कार्मिकों को शासकीय कार्य करने से रोकने हेतु धमकी देकर शासकीय कार्यों को बाधित करने का प्रयास किया गया तथा यह जानते हुये भी अधोहस्ताक्षरी निर्वाचन अधिकारी के रूप में डिप्टी रजिस्ट्रार कानपुर नगर में निर्वाचन कार्यवाही सम्पन्न करा रही थीं। यह प्रचार-प्रसार किया गया कि वह कार्यालय से अनुपस्थित है।
आपके द्वारा निरंतर दुर्भावना से प्रायोजित तथ्यहीन आरोपों द्वारा व्यक्तिगत हित साधने हेतु शिक्षक समुदाय को गुमराह कर भड़काने के कारण अधोहस्ताक्षरी कार्यालय के साथ-साथ शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है। उपरोक्त तथ्यों के आलोक में यह अपेक्षित है कि आप अधोहस्ताक्षरी व अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय के विरूद्ध आज तक की गयी समस्त शिकायतों के सम्बन्ध में उक्त शासनादेश दिनांक 01.08.1997 के अनुपालन में अपना व्यक्तिगत शपथ पत्र ( संगठन के समस्त पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित) व साक्ष्य 03 कार्यदिवसों में उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में अधोहस्ताक्षरी आपके विरूद्ध यथोचित विधिक कार्यवाही करने हेतु बाध्य होगा जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।