बदलते मौसम में वायरल के संक्रमण से कैसे रखें खुद को सुरक्षित, जानिए 6 आसान तरीके
मौसम के बदलते ही खुद को सुरक्षित रखना जरूरी हो जाता है.वायरल- फ्लू, नजला और जुकाम का खतरा सर्दी में ज्यादा होता है.
सर्दी दस्तक देनेवाली है. विशेषज्ञों के मुताबिक, मौसम के बदलते ही स्किन इन्फेक्शन, नजला, जुकाम और बुखार जैसी शिकायतें आम हो जाती हैं. बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी बदलते मौसम से प्रभावित होते हैं. वायरल फ्लू, नजला और जुकाम के खतरे से बचने और लक्षण की तीव्रता में कमी लाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं.
अर्ध गर्म पानी से गरारा करने पर गले की खराश, सूजन, बलगम और सांस लेने में दुश्वारी को कम किया जा सकता है. हल्के गर्म पानी में अगर थोड़ा नमक मिलाकर इस्तेमाल किया जाए तो फायदा और बढ़ जाता है. मौसम के बदलते ही शुष्क हवाओं के चलने के दौरान हल्के गर्म पानी से गरारे की आदत बना लेनी चाहिए. इससे वायरल फ्लू के लक्षण में कमी आती है.
पानी का इस्तेमाल
मौसम बदलने पर पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडे पानी के बजाए गुनगुना पानी पीना मुफीद रहता है. वायरल या किसी भी तरह के संक्रमण के दौरान पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल नजला, जुकाम की गंभीरता में कमी लाता है.
भाप का इस्तेमाल
नजला, जुकाम और फ्लू के दौरान नाक बंद हो जाती है. जिसके चलते सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. भाप लेने से न सिर्फ नाक खुलती है बल्कि सीने में मौजूद बलगम को भी निकालने का काम करता है. फ्लू के कारण होनेवाले सिर दर्द में भाप लेने से राहत मिलती है.
टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल
टी ट्री ऑयल प्राकृतिक तौर पर एंटी सेप्टिक होता है. उसे साबुन के साथ और हाथ धोने के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है. शोध में ये बात साबित हुई है कि टी ट्री ऑयल फ्लू में मददगार साबित होता है. भाप लेने के दौरान अगर टी ट्री ऑयल शामिल कर लिया जाए तो काफी हद तक सांस लेने में आसानी हो सकती है.
जिंक का इस्तेमाल
जिंक के इस्तेमाल से शरीर प्राकृतिक तौर पर बीमारियों से लड़नेवाली कोशिकाओं में वृद्धि करेगा. खून में एंटी बॉडीज बनने के कारण इंसान रोगाणुओं से सुरक्षित रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. एक शोध के मुताबिक, जिंक का इस्तेमाल वायरल फ्लू और जुकाम को गंभीर नहीं होने देता है बल्कि कम करता है.
ग्रीन टी, जड़ी-बूटियों की चाय का इस्तेमाल
सर्दी के मौसम आते ही ग्रीन टी का इस्तेमाल बढ़ा देना चाहिए. ग्रीन टी में अगर अदरक, नींबू का रस, दालचीनी, लौंग जैसे गर्म मसाले शामिल कर लिए जाएं तो फायदा और बढ़ जाता है. इसके अलावा इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनाने का काम करेगा. अगर सिर्फ पानी में भी अदरक, दालचीनी या लौंग उबालकर इस्तेमाल किया जाए तो नजला, जुकाम में कमी लाई जा सकती है.