अब अभिभावक भी परखेंगे परिषदीय स्कूलों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता
परिषदीय विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्यों की देखरेख अब विद्यालय प्रबंध समिति की उप समिति करेगी। इस चार सदस्यीय समिति में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष के अलावा दो अभिभावक सदस्य व विद्यालय प्रबंध समिति में नामित पदेन शासकीय सेवक जो शिक्षकों से अलग हों शामिल होंगे।
- विद्यालय प्रबंध समिति से किया जाएगा उप समिति का गठन
- शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश
अमन यात्रा, कानपुर देहात – परिषदीय विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्यों की देखरेख अब विद्यालय प्रबंध समिति की उप समिति करेगी। इस चार सदस्यीय समिति में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष के अलावा दो अभिभावक सदस्य व विद्यालय प्रबंध समिति में नामित पदेन शासकीय सेवक जो शिक्षकों से अलग हों शामिल होंगे। निर्माण सामग्री खरीद से लेकर विभिन्न कार्यों तक में इनका दखल होगा।प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से जारी निर्देशों के तहत निर्माण कार्यों के लिए एक उप समिति बनाई जाएगी। उप समिति में दो अभिभावकों को बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा।
इनका चयन विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में बहुमत के आधार पर होगा। विद्यालय निर्माण के लिए उप समिति के न्यूनतम तीन सदस्यों की सहमति से विद्यालय निर्माण सामग्री खरीदी जाएगी। खरीदी सामग्री का विवरण प्रधानाध्यापक द्वारा बनाई गई पंजिका में दर्ज किया जाएगा। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता उप समिति के तीन सदस्य प्रमाणित करेंगे। इनमें से एक सदस्य पदेन शासकीय सेवक होगा। बीएसए द्वारा निर्माण कार्यों की प्रगति व गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालय निर्माण कार्यों व अन्य सभी कार्यों के संबंध में विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद क्रियान्वयन के लिए अध्यक्ष व सदस्य सचिव व प्रधानाध्यापक अधिकृत होंगे।
प्रत्येक वर्ष जुलाई में विद्यालय प्रबंध समिति व निर्माण के लिए गठित उप समिति के अभिभावक सदस्यों की सूची अपडेट की जाएगी। उसी के अनुसार खाता संचालन में जरूरत के अनुसार संशोधन बीएसए की अनुमति से होगा। सभी निर्माण कार्यों को संपत्ति रजिस्टर में व खरीदी गई वस्तुओं को स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाएगा। साइट पंजिका, संपत्ति रजिस्टर व स्टॉक रजिस्टर जैसे सभी अभिलेखों को प्रधानाध्यापकों को सुरक्षित रखना होगा। अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदानित विद्यालयों को छोड़कर सभी स्कूलों में प्रबंध समिति का गठन किया जाएगा। शासन के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में सभी जनपदों के कमिश्नर और डीएम को पत्र भेजा।
जिसमें बेसिक शिक्षा के स्कूलों में प्रबंध समिति का गठन 30 नवंबर तक निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि पूर्व से गठित समिति का कार्यकाल 30 नवंबर तक खत्म हो रहा है। उससे पहले 20 से 30 नवंबर तक नए सिरे से समिति का गठन कराया जाए। कहा कि एक ही परिसर में स्थापित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट में एक ही विद्यालय में प्रबंध समिति का गठन किया जाएगा। इसमें 15 सदस्य होंगे, जिसमें 11 सदस्य अध्ययनरत बच्चों के माता पिता या अभिभावक होंगे लेकिन 50 प्रतिशत सदस्य महिलाएं होंगी। अवशेष 4 सदस्यों में स्थानीय प्राधिकारी के निर्वाचित सदस्यों से एक सदस्य, एक सदस्य सहायक नर्स एवं मिडवाइफ, एक सदस्य जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नामित लेखपाल, एक सदस्य प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक होगा।