राजनीति में कई तरह की परिस्थिति बन जाती है, उससे घबराना नहीं चाहिए : गहलोत
पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद रविवार को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हुई. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं.

नयी दिल्ली,अमन यात्रा : पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद रविवार को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हुई. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. इनके अलावा बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेष बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, हरीश रावत, राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी जैसे कई नेता मौजूद रहे. बैठक में अधीर रंजन चौधरी, देवेंद्र यादव आनंद शर्मा, दिग्विजय सिंह, अजय माकन और गुलाम नबी आज़ाद भी शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि संगठन के हित में जो करना हो कर सकती हूं, लेकिन ज्यादातर सदस्यों ने कहा कि सोनिया को बने रहना चाहिए.

कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. हार की वजहों और आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिती की ये बैठक हुई. बैठक के बाद राजीव शुक्ला ने कहा, “सबने कहा कि सोनिया गांधी पार्टी का नेतृत्व करती रहें.”
सूत्रों के मुताबिक बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि इस स्थिती के लिए गांधी ज़िम्मेदार हैं. अगर आप सभी को यही लगता है तो हम संगठन की कामयाबी और मज़बूती सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. कोई भी त्याग. सूत्रों ने कहा कि हालांकि बैठक में लगभग सभी ने कहा कि सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करते रहना चाहिए.
बैठक से पहले अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी अकेले व्यक्ति हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरे दमखम से मुकाबला कर कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का ‘पोस्टमॉर्टम’ होगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी.
गहलोत ने कहा, ‘‘राजनीति में कई तरह की परिस्थिति बन जाती है, उससे घबराना नहीं चाहिए. हम लोगों ने लंबे समय से देखा है, उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, यही भारतीय जनता पार्टी जो आज सत्ता में है, उसे कभी संसद में सिर्फ 2 सीट मिली थी. इसलिए चुनाव में हार-जीत होती रहती है, हम उनसे घबराते नहीं हैं.’’
गौरतलब है कि इस महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले मीडिया के एक हिस्से में खबर आई थी कि गांधी परिवार पार्टी के पदों से इस्तीफे की पेशकश कर सकता है, हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस खबर का खंडन किया और इसे ‘गलत एवं शरारतपूर्ण’ करार दिया था. बता दें कि सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रही हैं, प्रियंका गांधी के अलावा राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं. साथ ही, भाई-बहन की जोड़ी पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में भी प्रमुख भूमिका निभाती है.
इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी. राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल ‘जी 23′ के नेता सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं. ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं.
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