मित्रता करो तो श्रीकृष्ण-सुदामा जैसी करो : कथावाचक
विकासखंड के निगोही गांव में विगत 11 जून से चल रही भागवत कथा का समापन शुक्रवार को सुदामा चरित्र के वर्णन के साथ हो गया कथावाचक आचार्य श्री कृष्ण जी पांडेय द्वारा सुदामा चरित्र का वर्णन किए जाने पर पंडाल में उपस्थित श्रोता भावविभोर हो गए।
बरौर,ब्रजेन्द्र तिवारी। विकासखंड के निगोही गांव में विगत 11 जून से चल रही भागवत कथा का समापन शुक्रवार को सुदामा चरित्र के वर्णन के साथ हो गया कथावाचक आचार्य श्री कृष्ण जी पांडेय द्वारा सुदामा चरित्र का वर्णन किए जाने पर पंडाल में उपस्थित श्रोता भावविभोर हो गए। शुक्रवार को कथावाचक ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो तो श्रीकृष्ण सुदामा जैसी करो सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र की परेशानी को समझे तथा बिना बताए ही उसकी मदद करे परन्तु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता तब तक मित्रता रहती है जब स्वार्थ सिद्ध हो जाता है मित्रता खत्म हो जाती है उन्होंने कहा कि एक बार सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारिकापुरी जाते हैं जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं तो प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते हैं तथा अंदर जाने की बात कहते हैं सुदामा की बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते हैं व कहते हैं कि भगवान कृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा श्रीकृष्ण से बिना मिले ही लौटने लगते हैं तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर सुदामा नाम का एक दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आपको आपका मित्र बता रहा है द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांवों ही दौड़े चले आते हैं तथा अपने मित्र सुदामा को गले लगा लेते हैं कथा को सुनकर पंडाल में उपस्थित श्रोता भावविभोर हो गए आयोजक मंडल ने बताया कि शनिवार को हवन पूजन के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर मयंक शुक्ला राजू पांडेय बबोले शुक्ला सुमित मिश्रा दीपक पांडेय लाला तिवारी सहित ग्रामवासी व क्षेत्रवासी भी मौजूद रहे।