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आत्म निर्भरता ही महिला सशक्तिकरण के लिए अचूक हथियार : सौम्या पाण्डेय
आईआई टी कानपुर में “ इंजीनियरिंग शिक्षा पर महिला सशक्तिकरण चुनौतियां तथा अवसर” विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई।जिसमें अपर श्रम आयुक्त सौम्या पांडे ने वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया।
- अपर श्रम आयुक्त ने महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर, विभाग द्वारा महिलाओं के हितार्थ हेतु किये जा रहे प्रयासों से सभी को कराया अवगत
- महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना हमारी पहली प्राथमिकता:-अपर श्रम आयुक्त
अमन यात्रा, कानपुर नगर। आईआईटी कानपुर में “ इंजीनियरिंग शिक्षा पर महिला सशक्तिकरण चुनौतियां तथा अवसर” विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई।जिसमें अपर श्रम आयुक्त सौम्या पांडे ने वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में उन्होंने तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की सहभागिता एवं महिलाओं के हितों में विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों का मुख्य रूप से बताया गया.
उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं को सशक्तीकरण हेतु कई सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है किंतु इस हेतु हमें अपनी सकारात्मक पहल व सकारात्मक सोच पर विश्वास रखना होगा, उन्होंने श्रोताओं को संबोधित कर सकारात्मक सोच, व्यक्तित्व विकास एवं तनाव प्रबंधन बनाए रखने का सुझाव दिया साथ ही उन्होंने बताया की सरकार एवं विभाग ने महिलाओं के लिए प्रमुख अधिनियम ( समान पारिश्रमिक अधिनियम और मातृत्व हितलाभ अधिनियम) को महिलाओं के हित में रखते हुए संशोधन किये है, साथ ही कार्य स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा हेतु किये जा रहे प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि विभाग में बहुत सारी योजनायें केवल महिलाओं के लिए बनाई गयी हैं तथा उनका सफल संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंने अटल आवासीय विद्यालय हेतु आईआईटी कानपुर से भी सहयोग अपना पूर्ण योगदान किए जाने की अपील की। उन्होंने कहा जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती हैं तो उन में अधिक आत्मविश्वास होता है.
यह आत्मविश्वास उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए हर क्षेत्र में प्रोत्साहित करता है यही नहीं, वो अपने परिवार और बच्चे के भविष्य के लिए बेहतर विकल्प ढूंढने और निर्णय लेने में सक्षम होती हैं, उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के बिना महिला सशक्तिकरण की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए महिला सशक्तिकरण के लिए उनको आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। इसके लिए सरकार द्वारा ढेर सारी योजनाएं लागू की जा रही है जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास भी बढ़ा है और परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए ताकत भी दिखाई हैं।
इसके पश्चात उन्होंने ग्रामीण वर्ग की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर बल देते हुए लघु एवं कुटीर उद्योग में महिलाओं की सहभागिता का वर्णन किया , उन्होंने अपने उद्बोधन में देहाती ब्रांड तथा प्रेरणा कैंटीन का उदाहरण दिया, साथ ही मिशन शक्ति एवं श्रम विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा की बड़े प्रभाव हेतु छोटे छोटे कदम प्रत्येक स्तर पर उठाये जायंगे।