कानपुर देहात

आयकरदाताओं की बड़ी समस्या का अब हो सकेगा समाधान, फॉर्म 71 के जरिए अब TDS में हुई गड़बड़ी को सही कराना हुआ संभव

अक्सर देखा जाता है कि आयकरदाताओं को गलत वित्त वर्ष में टीडीएस काटे जाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस गड़बड़ी के कारण लोग अपने आईटीआर में इसका रिफंड नहीं ले पाते हैं लेकिन अब आयकर विभाग ने लोगों की समस्या का समाधान ढूंढ़ निकाला है।

कानपुर देहात। अक्सर देखा जाता है कि आयकरदाताओं को गलत वित्त वर्ष में टीडीएस काटे जाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस गड़बड़ी के कारण लोग अपने आईटीआर में इसका रिफंड नहीं ले पाते हैं लेकिन अब आयकर विभाग ने लोगों की समस्या का समाधान ढूंढ़ निकाला है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक नया आयकर फॉर्म जारी किया है जिसे फॉर्म-71 कहा जाता है। फॉर्म-71 आयकरदाताओं को टीडीएस दावे की उनकी समस्या को हल करने में मदद करेगा।

अब सीधे हो सकेगा समाधान-

अगर आयकरदाता के बैंक, नियोक्ता या किसी अन्य वित्तीय संस्थान ने गलत वित्तीय वर्ष में टैक्स काटा है तो इस समस्या के समाधान के लिए आपको कर कटौतीकर्ता से संपर्क करने की जरूरत नहीं होगी। अब आयकरदाता सीधे आयकर विभाग के जरिए इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फॉर्म-71 को अधिसूचित किया है जिसका उपयोग आयकरदाता अपने द्वारा किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए गलत ढंग से स्रोत पर टीडीएस क्रेडिट को सही करने के लिए कर सकते हैं।

इस तरह हल होगी समस्या-

किसी का वित्त वर्ष 2022-23 यानी कर निर्धारण वर्ष 2023-24 में एफडी पर एक लाख रुपये व्याज है जिसके लिए बैंक को टीडीएस काटने की जरूरत होगी। इसमें बैंक वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर-2024-25) में एफडी के ब्याज पर टैक्स काट लेता है। चूंकि बैंक ने गलत वित्त वर्ष में टैक्स काटा, इसलिए व्यक्ति इस टीडीएस का रिफंड क्लेम नहीं कर पाएगा।

इसकी वजह यह है कि एफडी का ब्याज वित्त वर्ष 2022-23 में कर योग्य था और इस आय पर टीडीएस क्रेडिट का दावा केवल वित्त वर्ष 2022-23 के लिए किया जा सकता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए एक अक्तूबर 2023 से कोई भी व्यक्ति बैंक शाखा में जाने के बजाय सीधे आयकर विभाग से संपर्क कर सकता है।

क्या है फॉर्म-71

सीबीडी द्वारा जारी किया गया फॉर्म-71 किसी व्यक्ति को टीडीएस क्रेडिट बेमेल की समस्या को हल करने की अनुमति देगा। यह किसी व्यक्ति को टैक्स क्रेडिट का दावा करने की अनुमति देगा यदि आय (जिसका टीडीएस काटा गया है) को आयकरदाता की तरफ से पहले ही वित्तीय वर्ष में आईटीआर में घोषित किया जा चुका है।

फॉर्म-71 भरकर संशोधन के लिए समय-सीमा निर्धारित-

गलत टीडीएस क्रेडिट को फॉर्म-71 भरकर ठीक कराने के लिए एक समय सीमा तय की गई है। आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार कोई व्यक्ति उस वित्तीय वर्ष के अंत से दो साल के भीतर आयकर विभाग में फॉर्म- 71 दाखिल कर सकता है जिसमें टीडीएस काटा गया था।

यह फॉर्म किसी भी पिछले वित्तीय वर्ष के लिए भरा जा सकता है जिसमें आय वास्तव में टीडीएस के अधीन थी। मान लीजिए कि बैंक को वित्त वर्ष 2018-19 में एफडी के ब्याज पर टीडीएस काटना था लेकिन बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में टीडीएस काटा। ऐसे में वह व्यक्ति टीडीएस क्रेडिट का दावा करने के लिए 31 मार्च 2024 तक (वित्त वर्ष 2023-24 तक) आयकर विभाग में फॉर्म-71 जमा कर सकता है।

Author: aman yatra

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