एक बार फिर विवादों में बेसिक शिक्षा विभाग कानपुर देहात
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को लंबे समय से समायोजन का इंतजार है। इसी कड़ी में शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तय करने की प्रक्रिया भी शुरू की थी लेकिन विभाग की ओर से बार-बार शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तय करने में गलती हो रही है जिसको लेकर शिक्षकों में काफी रोष व्याप्त है।
- शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में फिर गलती, नियमावली में अनदेखी का आरोप
- बेसिक शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची पर आपत्ति
कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को लंबे समय से समायोजन का इंतजार है। इसी कड़ी में शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तय करने की प्रक्रिया भी शुरू की थी लेकिन विभाग की ओर से बार-बार शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तय करने में गलती हो रही है जिसको लेकर शिक्षकों में काफी रोष व्याप्त है।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का कहना है कि वरिष्ठता सूची तय करने में विभाग जारी नियमावली की लगातार अनदेखी कर रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद की लापरवाही का आलम यह है कि वरिष्ठता निर्धारण करने की प्रक्रिया को विभाग की ओर से अनगिनत बार संशोधित किया जा चुका है। एनआईसी पोर्टल पर जो सूची अपलोड हो रही है उसको लेकर शिक्षकों की आपत्ति नहीं खत्म हो रही है। नियमावली में किसी भी शिक्षक की वरिष्ठता सूची उसके प्रथम/मौलिक नियुक्ति तिथि से मान्य होती है। दो शिक्षकों की मौलिक तिथि सामान्य होने पर चयनित तिथि को सूची में क्रमांक मेरिट गुणांक के आधार पर वरिष्ठता तय की जाती है।
मृतक आश्रित के केस में परीक्षा उत्तीर्ण करने की तिथि मौलिक नियुक्ति तिथि होती है, उसके बाद उससे पूर्व 5 वर्ष की सेवा अवधि पूरा करने पर वरिष्ठता दी जाती है। दो या दो से अधिक शिक्षकों के बीच में स्थानांतरण व मौलिक तिथि सामान्य होने पर शिक्षकों की जन्मतिथि देख कर वरिष्ठता तय की जाती है लेकिन कानपुर देहात जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जो वरिष्ठता सूची जारी की गई उसमें इस नियम का कदापि पालन नहीं किया गया है इस वरिष्ठता सूची में जूनियर शिक्षक को सीनियर एवं सीनियर शिक्षक को जूनियर बना दिया गया है। यहां सूची मौलिक नियुक्ति को आधार बनाकर बनाई तो गई है लेकिन उसमें अधिक उम्र वाले शिक्षकों को नीचे एवं कम उम्र वाले शिक्षकों को ऊपर कर दिया गया है जिससे कि सीनियर शिक्षक वरीयता क्रम में नीचे पहुंच गए हैं। कुछ शिक्षकों का तो यहां तक कहना है की विभाग जानबूझकर ऐसी गलती कर रहा है ताकि शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ न मिल सके।
कई जिलों में बेसिक शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची पर आपत्ति-
पदोन्नति पाने की प्रतीक्षा कर रहे बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को विलंब का झटका लग सकता है। पदोन्नति देने के लिए प्रकाशित की गई अंतिम सूची पर कई जिलों से आपत्ति आ रहीं हैं। शिक्षकों का कहना है कि अंतिम ज्येष्ठता सूची में 30 सितंबर 2023 तक पांच वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सभी शिक्षकों को अंतिम सूची में शामिल किया जाना था लेकिन कई जिलों में परिषद सचिव के आदेश का पालन नहीं किए जाने का आरोप लगाया गया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है। पदोन्नति देने के लिए तैयार की गई अंतिम वरिष्ठता सूची कुछ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने जन्मतिथि से बनाई है तो कुछ ने नियुक्ति तिथि से, तो कुछ ने कार्यभार ग्रहण तिथि से। कुछ जिलों में वर्ष 2018 की 68500 शिक्षकों की भर्ती सहित 12460, 72000, 16448 पदों की भर्ती के शिक्षकों को अंतिम ज्येष्ठता सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है।
इसके कारण विरोधाभास है। ऐसे में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराएगा। उधर उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वरिष्ठता सूची से वंचित पात्र शिक्षक समस्या का समाधान न होने पर हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे। अगर इसमें सुधार न किया गया तो यह प्रक्रिया अटक सकती है।