एनसीईआरटी की पुस्तकों के आधार पर होगी 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं
बेसिक शिक्षा विभाग के ताजातरीन आदेश से छात्र व अध्यापकों का तनाव बढ़ गया है। कारण है कि एक ओर तो पांचवी व आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर एनसीईआरटी की पुस्तकों के आधार पर ली जानी है तो दूसरी ओर निपुण भारत मिशन के तहत स्कूलों को निपुण विद्यालय बनाना है।
- यूपी बोर्ड की तर्ज पर होंगी पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं
अमन यात्रा,कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग के ताजातरीन आदेश से छात्र व अध्यापकों का तनाव बढ़ गया है। कारण है कि एक ओर तो पांचवी व आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर एनसीईआरटी की पुस्तकों के आधार पर ली जानी है तो दूसरी ओर निपुण भारत मिशन के तहत स्कूलों को निपुण विद्यालय बनाना है। उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड की तर्ज पर पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं करवाई जाएंगी। जानकारी के मुताबिक तिमाही, छमाही और इंटरनल लिखित परिक्षाएं करवाई जाएंगी। अभी तक कुछ राज्यों में ही 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं होती थीं लेकिन अब उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड के आधार पर पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं करवाई जाएंगी।बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी पूछा है कि इस काम पर कितना खर्च आएगा।
पिछले साल नहीं हुए थे तिमाही छमाही एग्जाम-
पांचवी और आठवीं की सालाना परीक्षाओं के लिए अभी प्रश्नपत्र तो जिला स्तर से छपकर मिलता था जबकि कॉपियां शिक्षकों को ही खरीदनी होती थीं। बाद में उसका भुगतान कर दिया जाता था। पिछले साल तो ऑनलाइन निपुण असेसमेंट टेस्ट (नेट) ही सालभर चलता रहा। इस वजह से लिखित तिमाही और छमाही परीक्षाएं भी नहीं हुईं। सालाना परीक्षाएं जैसे-तैसे करवाई गई। ऐसे में यह बात आई कि बच्चों की लिखने की आदत नहीं रह गई है। उनकी लिखने की आदत बनी रहे इसलिए लिखित परीक्षाएं जरूरी हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी लिखित परीक्षाएं करवाए जाने का सुझाव दिया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर पांचवीं और आठवी की परीक्षाएं करवाने पर सहमति बनी है इसके अलावा तिमाही, छमाही और लिखित इंटरनल टेस्ट के लिए भी शासन स्तर पर सहमति बनी है।
पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं करवाने के लिए परिषद स्तर से एक समिति प्रश्नपत्र का प्रारूप तय करेगी। उसी के आधार पर प्रदेशभर में प्रश्नपत्र पहुंचाए जाएंगे। परीक्षाओं की निगरानी के लिए भी टीमें बनेंगी। अभी यह तय होना है कि परीक्षा अपने ही स्कूल में हो या दूसरे स्कूल में सेंटर जाएगा।अगर अपने स्कूल में ही सेंटर रहेगा तो फिर क्या शिक्षकों की अदला-बदली की जाएगी ? कॉपियों का मूल्यांकन किस स्तर से किया जायेगा ? इन मुद्दों पर अभी विचार चल रहा है। शासन स्तर से परीक्षा नियामक प्राधिकारी से एक विस्तृत प्रस्ताव मांगा गया है। हालांकि परीक्षा नियंत्रक प्राधिकारी ने पत्र के जवाब में पूछा है परीक्षाओं का स्वरूप क्या रहेगा ? प्रश्न पत्र कौन छपवाएगा ? परीक्षाओं के संचालन के लिए यूपी बोर्ड की तरह बेसिक शिक्षा परिषद पहले से है। संपूर्ण परीक्षाओं का दायित्व किसका होगा ? इसी के आधार पर खर्च का आकलन किया जाएगा। महानिदेशक विजय किरन आनंद का कहना है कि यूपी बोर्ड की तर्ज पर पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं करवाए जाने की योजना है इसके लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।