बांदा

कविता जीवन की सहज अभिव्यक्ति है : प्रमोद दीक्षित

काव्य संग्रह "हाशिए पर धूप" का हुआ विमोचन

बांदा,अमन यात्रा। कविता जीवन का सतत् प्रवाह है, सहज अभिव्यक्ति है। कविता में जीवन के विविध रंग अपनी मनोहारी छटा के साथ प्रकट होते हैं। कविताओं में सरिताओं की मधुर कल-कल कलरव की कोमल ध्वनि है तो शांत सरोवर का धीर-गंभीर चिंतन भी। कविताओं में अपने समय की लोक की आग अपने पूरे आवेग और ताप के साथ विद्यमान होती है जिसमें आमजन की पीडा का स्वर समाहित होता है।
उक्त विचार काव्य संग्रह हाशिए पर धूप के विमोचन अवसर पर आयोजित एक सादे साहित्यिक समारोह में संकलन के संपादक शिक्षक साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने भूमिका रखते हुए व्यक्त किए। संकलन के बारे में प्रमोद दीक्षित ने कहा की बेसिक शिक्षा, उ.प्र. में कार्यरत 22 जनपदों के 28 शिक्षक-शिक्षिकाओं की रचनात्मकता को प्रकट होने का अवसर मिला है। प्रस्तुत संकलन “हाशिए पर धूप” बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों की रचनाओं के संकलन का प्रथम प्रयास है। पुस्तक का प्रकाशन 2012 में स्थापित शैक्षिक संवाद मंच द्वारा किया गया है जो शिक्षकों की साहित्यिक एवं शैक्षिक प्रयासों को समय-समय पर संकलित कर पुस्तकों के रूप में प्रकाशित करता है। आगामी माह में कोरोना संकट से उपजी अनुभूतियों पर आधारित काव्य संकलन कोरोना काल में कविता प्रकाश्य है। समारोह के प्रारंभ में मुख्य अतिथि रामनरेश गौतम शिक्षाविद (नैनीताल, उत्तराखंड) एवं विशिष्ट अतिथि नवाचारी शिक्षक राम किशोर पांडेय द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
तत्पश्चात ऑनलाइन एवं प्रत्यक्षत: मिले जुले इस आयोजन में पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर राम किशोर पांडेय ने कहा कि संवाद मंच शिक्षकों में पढ़ने-लिखने की आदत विकसित करने के लिए सतत प्रयत्नशील है और शिक्षकों की रचनाओं को विभिन्न माध्यमों में प्रकाशित कर प्रोत्साहित भी करता है। उसी कड़ी में यह संग्रह हाशिए पर धूप प्रकाशित की गई है हालांकि पुस्तक का प्रकाशन 2018 में करना था किंतु कतिपय कारणों से विलंब हुआ।
कवयित्री प्रियंका विक्रम सिंह ने कहा की इस संकलन में कविताएं शामिल किए जाने से उत्साह बढ़ा है। कथाकार एवं कवयित्री शिक्षिका आसिया फारुकी ने अपने ऑनलाइन संदेश में शिक्षकों की रचनाओं को संकलित कर प्रकाशन पर बधाई देते हुए कहा कि इससे शिक्षक-शिक्षिकाओं में कविताएं पढ़ने एवं लिखने की भावना जागृत होगी।
शिक्षकों को स्कूलों में काम करते हुए बहुत सारे अनुभव प्राप्त होते हैं जिन्हें वह कविता के माध्यम से प्रकट कर सकते हैं। संकलन की भूमिका लेखक महेश चंद्र पुनेठा ने अपने प्रेषित लिखित संदेश में कहा कि कविता की बड़ी कसौटी उसकी पक्षधरता होती है। एक अच्छी कविता पाठक को  संवेदित, उद्वेलित और प्रफुल्लित करती है। कविता में नए भाव विचार,प्रतीक, रूपक एवं बिम्ब प्रयोग किए जाना आवश्यक है। एक अच्छी कविता पाठक को बदल देती है। कविता में लोक के सुख-दुख, हर्ष- विषाद और संघर्षों का पक्ष दिखाई देता है। रचनाकारों को कविता की भाषा पर ध्यान देते हुए आम बोलचाल की भाषा-बोली का प्रयोग सहजता से करना चाहिए। प्रमोद दीक्षित एक लोकोन्मुखी, संवेदनशील शिक्षक हैं।
वह मानवीय मूल्यों, समता, न्याय, विश्वास युक्त एवं हिंसा मुक्त समाज रचना के पक्षधर व्यक्ति हैं। उनके संपादन में हाशिए पर धूप के प्रकाशन से शिक्षकों की रचनात्मकता को सामने लाना सराहनीय पहल है। मुख्य अतिथि रामनरेश गौतम ने प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि हमारे बीच में तमाम शिक्षक विभिन्न विधाओं में रचनाएं लिखते हैं लेकिन उनकी रचनाएं डायरियों में ही बंद रह जाती है।
संवाद मंच का यह प्रयास शिक्षकों की साहित्यिक अभिरुचि को बल देगा और प्रकाशन का मंच भी।  ऐसे प्रकाशन लगातार होते रहें।इस अवसर पर रेनु, वंदना किरन, भूमि, चंद्रेश पांडेय , देवांशी, आयुष गौतम आदि उपस्थित रहे।
aman yatra
Author: aman yatra


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

Leave a Reply

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading