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किसी भी देश को स्वस्थ्य रखने के लिए स्वच्छता ही मूलमंत्र है जिसमे शौचालय का महत्व सर्वोपरि है

विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षित और स्थायी जल, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाएं जलवायु परिवर्तन के शमन और अनुकूलन में योगदान दे सकती हैं स्थायी स्वच्छता के माध्यम से, शौचालयों से अपशिष्ट जल और जैव-ठोस का उपयोग हरित ऊर्जा का उत्पादन करने और जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार कार्बन उत्सर्जन से लड़ने के लिए किया जा सकता है।

ज्ञान सिंह,कानपुर देहात : विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षित और स्थायी जल, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाएं जलवायु परिवर्तन के शमन और अनुकूलन में योगदान दे सकती हैं. स्थायी स्वच्छता के माध्यम से, शौचालयों से अपशिष्ट जल और जैव-ठोस का उपयोग हरित ऊर्जा का उत्पादन करने और जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार कार्बन उत्सर्जन से लड़ने के लिए किया जा सकता है।

 

लोगों की सुरक्षित स्वच्छता तक पहुंच सुनिश्चित करना एक सतत प्रक्रिया हैः पानी की आपूर्ति के अभाव में लोग वापस खुले में शौच की ओर जा सकते हैं. सतत स्वच्छता जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद कर सकती है दैनिक उपयोग में, घरेलू स्वच्छता प्रणालियाँ शौचालयों के अपशिष्ट जल के साथ-साथ सिंक, शावर और वाशिंग मशीन से गंदा पानी उत्पन्न करती हैं। संयुक्त राष्ट्र जल के अनुसार, शौचालयों से अपशिष्ट जल और कीचड़ में मूल्यवान पानी, पोषक तत्व और ऊर्जा होती है और स्थायी स्वच्छता प्रणाली कृषि को सुरक्षित रूप से बढ़ावा देने और हरित ऊर्जा के लिए उत्सर्जन को कम करने और पकड़ने के लिए इस कचरे का उत्पादक उपयोग कर सकती है।

 

विश्व शौचालय दिवस पर , जो हर साल 19 नवंबर को सुरक्षित स्वच्छता तक पहुंच के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, दैनिक अमन यात्रा की टीम ने टिकाऊ स्वच्छता के बारे में जानने के लिए जनता से बात की और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में शौचालय कैसे योगदान दे सकते हैं। इस बारे में पूर्व प्रधान प्रतिनिधि सतीश नायक ने बताया कि अगर हमें देश को स्वस्थ रखना है तो हर हाल में बाहर(मैदान में)शौच से बचना होगा हमारी सरकार इसके लिए घर-घर शौचालय बनवा रही है. वहीँ समाजसेवी जयवीर सिंह ने बताया हमें सिर्फ़ सरकार की योजनाओं पर आश्रित नहीँ रहना चाहिए इसके लिए एक जन आंदोलन लाने की जरूरत है.वर्तमान प्रधान प्रतिनिधि शिवम शुक्ला गहलों ने बताया जब से घर में शौचालय का उपयोग होने लगा है बहुत सारी बीमारियों से निजात मिली है, सबसे बड़ी बात ये है कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं कम हुई हैं.

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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