कानपुर देहात: विशाखा सखी ने सुनाई कृष्ण-सुदामा की अद्भुत कहानी
वृंदावन धाम से पधारी कथावाचिका विशाखा सखी ने नाथू तालाब मंदिर परिसर, पुखरायां में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन श्री कृष्ण और सुदामा के अद्भुत मित्रता के प्रसंग को सुनाया।
- सुदामा चरित्र पर आधारित प्रवचन: गरीब को खिलाने से मिलता है स्वर्ग
- भोगनीपुर में भागवत कथा का समापन: मित्रता का अनमोल संदेश
भोगनीपुर: वृंदावन धाम से पधारी कथावाचिका विशाखा सखी ने नाथू तालाब मंदिर परिसर, पुखरायां में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन श्री कृष्ण और सुदामा के अद्भुत मित्रता के प्रसंग को सुनाया।
विशाखा सखी ने कहा कि गरीब को एक रोटी का टुकड़ा खिलाने से मानव को स्वर्ग के द्वार मिल जाते हैं। उन्होंने भक्तों को माता, गोमाता और गुरु की सेवा करने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि इनकी सेवा करने से घर में कभी दरिद्रता नहीं आती।
कथावाचिका ने श्री कृष्ण और सुदामा के चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे सुदामा ने श्री कृष्ण से कपट किया था और इसके परिणामस्वरूप उनके घर में दरिद्रता आ गई। उन्होंने कहा कि सुदामा की पत्नी सुशीला ने उन्हें श्री कृष्ण से मिलने के लिए प्रेरित किया और अंत में श्री कृष्ण ने सुदामा की सभी मनोकामनाएं पूरी कीं।
विशाखा सखी ने कहा कि यह कथा हमें सच्ची मित्रता का महत्व सिखाती है। उन्होंने कहा कि सच्चा मित्र वह होता है जो अपने मित्र के बुरे दिनों में भी साथ खड़ा रहता है।
इस अवसर पर सुनील, सुनीता, ओमप्रकाश गुप्ता, हरमोहन, हरि, पंकज, अरुण, कार्तिक, पुजारी संतोष गुप्ता, बेबी, कुलदीप गौड़, सोनू यादव और अन्य भक्तों ने व्यासपीठ की आरती कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
यह कथा सभी के लिए प्रेरणादायी रही और भक्तों ने कथावाचिका का आशीर्वाद लेकर घरों को लौटे।