कानपुर प्रेस क्लब ने बलिया और कानपुर में पुलिस उत्पीड़न के विरोध में किया विशाल धरना प्रदर्शन, पत्रकारों में रोष
कानपुर प्रेसक्लब ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से आपसे मांग करता है कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में तैनात भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों की मिलीभगत से यूपी बोर्ड परीक्षा का संस्कृत और अंग्रेजी विषय का पर्चा आउट होकर सोशल मीडिया में वायरल हुआ था
अमन यात्रा ब्यूरो,कानपुर : कानपुर प्रेसक्लब ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से आपसे मांग करता है कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में तैनात भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों की मिलीभगत से यूपी बोर्ड परीक्षा का संस्कृत और अंग्रेजी विषय का पर्चा आउट होकर सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, इस घटनाक्रम की जानकारी जिन पत्रकारों ने जिला प्रशासन को दी थी, उन अमर उजाला के दो पत्रकारों को जिला प्रशासन ने खुद को फंसता देख आनन-फानन में जेल भेज दिया है जबकि पर्चा आउट होने में जिन लोगों को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया.
उनमें किसी का भी संबंध पत्रकारों से आज तक सिद्ध नहीं किया जा सका, बलिया में तैनात डीएम और एसपी ने खुद को फंसता देख निर्दोष पत्रकारों को जेल भेज कर चौथे स्थान पर सीधा सीधा हमला किया है, जो नाकाबिले बरदाश्त है अतः आपसे अनुरोध है कि गिरफ्तार किए गए पत्रकार साथियों को तत्काल रिहा कर मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और सच्चाई छुपाने के आरोपी बलिया के डीएम ओर एसपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और इन दोनों अधिकारियों की संपत्ति की विजिलेंस से जांच भी कराई जाए आपके संज्ञान में यह भी लाना है कि जब कोई पत्रकार अपने साथ हुए घटना या दुर्घटना का मुकदमा पुलिस में लिखाता है तो पुलिस उस मुकदमे को ठंडे बस्ते में डाल देती है,
वही पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज हुए फर्जी मुकदमों में पुलिस तुरंत सक्रिय हो जाती है ऐसे कई पुलिसिया कार्रवाई के उदाहरण कानपुर नगर में भी मौजूद है कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के एक दर्जन से अधिक स्थानों में पत्रकारों के विरूद्ध कई फर्जी मामले दर्ज कराए गए हैं इन मामलों की जांच के नाम पर पुलिस के विवेचक पत्रकारों का मानसिक और आर्थिक शोषण भी कर रहे हैं मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में भी है अधिकारी सिर्फ टालमटोल का रवैया अपना रहे हैं अतः कानपुर प्रेसक्लब आपसे मांग करता है कि बलिया और कानपुर में पत्रकारों पर दर्ज मुकदमों की जांच सीबीआई या अन्य किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराकर निर्दोष पत्रकारों को न्याय दिलाने की पहल करें जब तक हम पत्रकारों को न्याय नहीं मिलता तब तक कानपुर प्रेसक्लब ऐसे आंदोलन अनवरत करता रहेगा इसकी सारी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी.