।। पहली मोहब्बत ।।
ये पहली मोहब्बत का गम भी
बड़ा अजब हैं ।
जैसे,फलक पर सितारे कुछ कम हैं ।
घड़ियां इंतजार की पड़े भारी इस दिल पर
लगता हैं ऐसा
इश्क में मिठास की चासनी थोड़ी कम हैं ।।
खत ,जरिया क्या बना इस नादान दिल के जज़्बातों का
लिखने बैठा पन्ने पर
तो, देखा कलम में स्याही थोड़ी कम हैं ।
पहली मोहब्बत का गम भी बड़ा अजब हैं ।
पहली मोहब्बत का गम भी बड़ा अजब हैं ।।
मिलने की ख्वाहिश का
एक झलक दीदार का जैसे,
इस दिल को थोड़ा सा भरम हैं ।।
पहली मोहब्बत का गम भी बड़ा अजब हैं
बड़ा अजब हैं ।।
स्नेहा कृति(रचनाकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक)कानपुर उत्तर प्रदेश