कानपुर, अमन यात्रा ।पंजाब नेशनल बैंक के मेस्टन रोड स्थित शाखा के तत्कालीन मैनेजर नफीस अहमद ने जिस कंपनी के कैश क्रेडिट खाते से उनके चालू खाते में रुपये डाले थे, उसी कंपनी के बैंक खाते में उनकी पत्नी के बैंक खाते से 12 लाख रुपये भेजे गए थे। इस ट्रांजेक्शन को पंजाब नेशनल बैंक की आंतरिक जांच में भी पकड़ा गया था। इसके साथ ही वार्षिक और अर्द्धवार्षिक लेखा बंदी के पहले भी बैंक के बचत खाते और लोन को बढ़ाने में भी खेल किया गया था।
बैंक कर्मचारियों के मुताबिक तत्कालीन बैंक मैनेजर ने करीब आधा दर्जन कंपनियों के कैश क्रेडिट खाते से रुपये निकाल कर उनके चालू खाते में डाल दिए। इससे एक तरफ बैंक का लोन बढ़ गया और दूसरी ओर बैंक की जमा भी बढ़ गई। यह कार्य वार्षिक और अर्द्ध वार्षिक लेखा बंदी के पहले किया जाता था। इसके उनकी शाखा की बैलेंस शीट मजबूत हो जाती थी। वार्षिक और अर्द्ध वार्षिक लेखा बंदी गुजरते ही उस राशि को फिर उन्हीं कंपनियों के चालू खाते से कैश क्रेडिट खाते में डाल दिया जाता था। इससे उन कंपनियों का लोन फिर कम हो जाता था।