किसानो द्वारा गौशालाओं को 18 टन पराली दान
जिलाधिकारी कानपुर देहात श्रीमती नेहा जैन के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा कृषकों को जागरूक करने के साथ-साथ दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है ।

अमन यात्रा, कानपुर देहात। जिलाधिकारी कानपुर देहात श्रीमती नेहा जैन के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा कृषकों को जागरूक करने के साथ-साथ दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है । इसी क्रम में दिनांक 22.11.2022 को कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली जलाने के स्थान पर निराश्रित गोवंश स्थलों पर दान करने की अपील पर प्रगतिशील कृषक एवं ग्राम प्रधान कुलदीप पाण्डेय पुत्र रमाकान्त पाण्डेय, नि0 दुर्गापुरवा द्वारा दो ट्राली पराली नरिहा गौशाला को एवं प्रगतिशील कृषक बृजगोपाल यादव पुत्र रामयादव निवासी ग्राम पतारी द्वारा दो ट्राली पराली कान्हा नदी गौशाला नबीपुर को दान दी गयी।
जिलाधिकारी कानपुर देहात द्वारा कलैक्ट्रट परिसर से गाडियों को हरी झंडी दिखा कर गाडियां को रवाना किया गया । मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डी0एन0लवनानिया द्वारा गौशालाओं को पराली दान करने वाले कृषकों को जिला प्रशासन द्वारा संचालित पराली दो खाद लो अभियान अन्तर्गत दो ट्राली पराली देने पर एक ट्राली गोबर की खाद उपलब्ध करवाई गई। इसी प्रकार जनपद के प्रगतिशील कृषकों द्वारा 01 डी0सी0एम0 पराली, असालतगंज गौशाला एवं 01 ट्राली पराली कान्हा गौशाला झींझक को दान की गयी है। जिलाधिकारी द्वारा सभी किसानों से अपील की गयी कि वे न तो स्वयं पराली जलाये और न ही अन्य किसी व्यक्ति को पराली जलाने दे। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि पराली जलाने से जंहा एक ओर मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है वही दूसरी ओर पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। पराली जलाने से भूमि मे रहने वाले मित्र कीट जेसे केंचुए आदि भी नष्ट हो जाते है।
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जनपद के प्रगतिशील कृषकों से पराली को जलाने के स्थान पर निराश्रित गोवंश स्थलों पर दान करने अथवा कृषि विभाग द्वारा निशुल्क वितरित वेस्ट डीकम्पोजर का उपयोग कर जैविक उर्वरक के प्रयोग करने की अपील की गयी। उप कृषि निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि जिला प्रशासन द्वारा जनपद में पराली दो खाद लो अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत किसान भाई गोशालाओं पर 2 ट्राली पराली देकर, 01 ट्राली की गोबर की खाद प्राप्त कर सकते है।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कानपुर देहात जगदम्बा प्रसाद गुप्ता, द्वारा किसानो से अपील की गयी कि फसल अवशेष/पराली कदापि न जलायें एवं बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा अन्य कृषि प्रबन्धन यंत्रों के कम्बाईन हार्वेस्टर से फसल कटाई कदापि न करायें, अन्यथा कम्बाईन हार्वेस्टर को सीज कर सम्बन्धित चालक के साथ-साथ कृषक का भी उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जायेगी राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा निरंतर क्षेत्र भ्रमण कर पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है।
उप कृषि निदेशक अवगत कराया गया कि जनपद में ग्राम पंचायत न्यायपंचायत स्तर पर कार्यरत कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा किसानों के मध्य जा कर फसल अवशेष/पराली जलाने से होने वाली पर्यावरणीय क्षति, मृदा स्वास्थ्य एवं मित्र कीटों पर पडने वाले कुप्रभाव के सम्बन्ध में तथा पराली जलाने पर होने वाली दण्डात्मक कार्यवाही के सम्बन्ध में अवगत करने के साथ ही कृषकों को पराली न जलाने की शपथ दिलायी जा रही है। कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेषों को खेतो में सडा कर जीवांश खाद बनाने हेतु निशुल्क पूसा डिकम्पोजर का वितरण भी किया जा रहा है। दिनांक 22.11.2022 को जिला कृषि अधिकारी डा0 उमेश कुमार गुप्ता द्वारा सरगांव बुजुर्ग विकासखड डेरापुर के कृषक कल्लू पुत्र रामनाथ के खेत पर पराली जलती पायी गयी, जिसे उनके द्वारा स्वयं बुझाया गया, उनके द्वारा अवगत कराया गया कि। अभी भी कुछ कृषकों द्वारा रात के समय यह सोच कर पराली जलायी जाती है कि उन्हे कोई नहीं देख पायेगा। जनपद में पराली जलने की घटनाओं की निगरानी सेटेलाइट द्वारा की जा रही है तथा कोई भी व्यक्ति किसी भी समय पराली जलाता है तो उसकी सूचना तत्काल कृषि विभाग को प्राप्त हो।
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