लखनऊ, अमन यात्रा । तीन कृषि कानून के विरोध में लगातार चल रहे किसानों के आंदोलन को भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी का भी जोरदार समर्थन मिलने लगा है। मुजफ्फरनगर में पांच सितंबर को किसान महापंचायत के बाद से किसानों के समर्थन में तेजी से आने वाले वरुण गांधी अब बेहद मुखर हैं।
लखीमपुर खीरी में हिंसा में चार किसानों की मृत्यु पर शोक जताने के साथ ही मामले की उच्चसतरीय जांच की मांग करने वाले पीलीभीत से भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो ट्वीट किया है। इससे पहले भी उन्होंने लगातार सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ना का मूल्य बढ़ाने की मांग की थी। अब किसानों के पक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण का वीडियो ट्वीट कर वरुण गांधी ने लिखा है कि बड़े दिलवाले नेता थे अटलजी। उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र किया है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हाल ही में बाहर किए गए वरुण गांधी किसान आंदोलन को लेकर लगातार सरकार को घेर रहे हैं।
वरुण गांधी ने नए ट्वीट में किसान आंदोलन के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के 1980 में दिए गए भाषण का वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें अटल बिहारी बाजपेयी तत्कालीन कांग्रेस सरकार को यह चेतावनी दे रहे हैं कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों को डराने की कोशिश न करें। किसानों के दमन के तरीके छोड़ दें। अगर सरकार कानून का दुरुपयोग करेगी तो वह किसानों के आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ देंगे।
पिछले दिनों सांसद ने अपने एक ट्वीट के साथ खीरी में हुई हिंसा का एक वीडियो जारी करके बताया था कि किस तरह किसानों को कुचला गया। बाद में उन्होंने इस प्रकरण को हिंदू बनाम सिख का रूप दिए जाने का खतरनाक बताया था। ट्वीट करके कहा था कि जिन घावों को भरने में पूरी एक पीढ़ी लग गई, उसे फिर से खोलना देश और समाज के हित में नहीं है। गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री की सभा का काफी पुराना वीडियो ट्वीट करके उन्होंने भाजपा और सरकार को यह याद दिलाने की कोशिश की है कि किसानों से जुड़े मुद्दों पर पूर्व में भाजपा और अटल बिहारी वाजपेयी का कैसा रुख रहा है।
सांसद वरुण गांधी इससे पहले भी किसान आंदोलन के मुद्दे पर ट्वीट करते रहे हैं। उन्होंने कृृषि कानूनों के मुद्दे पर आंदोलन करने वालों को अपना ही खून बताते हुए धैर्यपूर्वक उनकी बात सुने जाने का आग्रह किया था। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मरने वालों के स्वजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने तथा घटना की जांच सीबीआइ से कराने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेज चुके हैं। वह आंदोलन में मरने वाले किसानों को शहीद बता चुके हैं।