ऑपरेशन कायाकल्प से नहीं बदली स्कूलों की काया
ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे सरकारी स्कूलों में अब बच्चे पुराने ब्लैक बोर्ड नहीं बल्कि आधुनिक स्मार्ट क्लास रूम में पढ़ाई करेंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने आदेश जारी कर दिया है।
- मनरेगा के कन्वर्जेन्स से होगा स्कूलों का कायाकल्प
- सरकारी स्कूलों में अब बच्चे पुराने ब्लैक बोर्ड नहीं बल्कि आधुनिक स्मार्ट क्लास रूम में पढ़ाई करेंगे।
कानपुर देहात, अमन यात्रा : ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे सरकारी स्कूलों में अब बच्चे पुराने ब्लैक बोर्ड नहीं बल्कि आधुनिक स्मार्ट क्लास रूम में पढ़ाई करेंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने आदेश जारी कर दिया है। प्राइमरी स्तर के इन बच्चों को बेहतर स्मार्ट क्लास रूम उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक वर्ष सरकार स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को ऑपरेशन कायाकल्प के तहत लाखों रुपए देती है लेकिन कुछ प्रधानाध्यापकों द्वारा स्कूलों में आवश्यकतानुरूप कार्य नहीं करवाए जाते बल्कि फर्जी बिल वाउचर लगाकर कायाकल्प की धनराशि हड़प ली जाती है।
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आए दिन ऐसे प्रकरण संज्ञान में आते रहते हैं। अब मनरेगा के तहत बाउंड्रीवाल, खेल के मैदान जैसे बड़े-बड़े कार्य करवाए जाएंगे छोटे-मोटे कार्यों में प्रधानाध्यापक को कायाकल्प की धनराशि व्यय करनी होगी। स्कूल में बच्चों को खेलकूद गतिविधियों के लिए खेल मैदान भी मनरेगा योजना के तहत विकसित किये जायेंगे। इसके अलावा स्कूल में दूसरी सुविधाएं भी जुटाई जाएंगी। स्कूलों में आधुनिक सुविधाओं के लिए यह खर्च मनरेगा बजट से ही किया जाएगा। यह पहली बार है कि मनरेगा का बजट शिक्षा पर खर्च हो रहा है। इससे पहले मनरेगा का बजट अन्य विकास कार्यों पर ही खर्च होता था। अब मनरेगा के तहत मॉडल स्कूल भी तैयार होंगे।