नई दिल्ली,अमन यात्रा । तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से चल रहा किसानों का प्रदर्शन अब सहानुभूति खो रहा है। एक के बाद एक कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं, जो बयां करते हैं कि प्रदर्शन किस हद तक राजनीति से प्रेरित है। सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर निहंगों ने जो किया, उसके बाद तो प्रदर्शन करने वालों को समाज से माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन बुराई का दायित्व कोई नहीं उठाता। यह कहना है दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुनील चौधरी का।