गोरखनाथ मंदिर में दक्षिण से आए गोवंश भवानी और भोलू बने आकर्षण का केंद्र
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोवंश से यह जुड़ाव और उनकी गोसेवा की भावना न सिर्फ गोरखनाथ मंदिर में बल्कि पूरे प्रदेश में गोसेवा के प्रति समर्पण का एक अनूठा उदाहरण है।

- योगी आदित्यनाथ ने किया नादिपथि मिनिएचर नस्ल के गोवंश का नामकरण
गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोवंश से यह जुड़ाव और उनकी गोसेवा की भावना न सिर्फ गोरखनाथ मंदिर में बल्कि पूरे प्रदेश में गोसेवा के प्रति समर्पण का एक अनूठा उदाहरण है। गोरखनाथ मंदिर लाए गए आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के गोवंश (एक बछिया और एक बछड़ा) का शनिवार सुबह सीएम योगी ने नामकरण किया। सीएम ने बछिया का नाम भवानी रखा है और बछड़े का नाम भोलू। मंदिर की गोशाला में दक्षिण से आए गोवंश की इस जोड़ी का नाम रखने के बाद सीएम ने उनसे खूब बातें की, खूब दुलारा। गोसेवक सीएम के स्नेह से मात्र दो दिन में सुदूर से आए ये गोवंश उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं।
बता दें कि नादिपथि मिनिएचर नस्ल की गाय को विश्व की सबसे छोटी गाय माना जाता है। इसे पुंगनूर नस्ल की ही ब्रीडिंग से विकसित किया गया है। नादिपथि मिनिएचर को माइक्रो मिनिएचर भी कहा जाता है। इस नस्ल के गोवंश की एक बछिया और बछड़ा को गुरुवार देर रात आंध्र प्रदेश के नादिपथि गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाया गया। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार सुबह इन गोवंश को स्नेहासींचित किया था और अपने हाथ से गुड़ और चारा खिलाया था। नादिपथि गोशाला से आए संचालक और नादिपथि मिनिएचर ब्रीड विकसित करने में अनुसंधान करने वाले डॉ. पी. कृष्णम राजू ने मुख्यमंत्री को नादिपथि मिनिएचर नस्ल की गायों की विशेषता के बारे में बताया। सीएम योगी से मुलाकात के बाद डॉ. कृष्णम राजू ने कहा कि योगी जी की गोसेवा और गोप्रेम देखकर वह अभिभूत हो गए हैं।
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