ग्रामीण फीडरो में 4 से 5 घंटे बिजली आपूर्ति होने से उपभोक्ताओं में आक्रोश
विकास खण्ड क्षेत्र के खखडेरू कनपुरवा पावर हाउस फीडर में हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश ब्याप्त हो रहा है।
खागा,फतेहपुर :विकास खण्ड क्षेत्र के खखडेरू कनपुरवा पावर हाउस फीडर में हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश ब्याप्त हो रहा है। खागा तहसील क्षेत्र के विकास खण्ड विजयीपुर अन्तर्गत खखडेरू कनपुरवा पावर हाउस फीडर में विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाहियों के चलते क्षेत्रीय उपभोक्ताओं को इन दिनों लगभग 4से5 घंटे विद्युत आपूर्ति हो रही है। जिससे उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति कम मिलने के कारण उमस भरी गर्मी में न तो उपभोक्ताओं को फ्रिज का ठंडा पानी मिल पा रहा है और न ही ठंडी हवा ।जिसके कारण उपभोक्ताओं को कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
वही अमित विश्वकर्मा, संजय तिवारी, अंकुर मिश्रा, शौकत अहमद, जमाल चंद्र, भूषण सिंह, कल्लू तिवारी, सलमान मुस्ताक, ओमप्रकाश सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि भीषण गर्मी में बिजली ना मिलने के कारण बिजली के उपकरण का प्रयोग नहीं हो पा रहा है और उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारियों द्वारा अधिकतर टू फेस की सप्लाई दी जाती है ।वही क्षेत्रीय आदित्य पांडे ने बताया कि कोयला का मिलने के कारण सही ढंग से आपूर्ति नहीं हो पा रही है जितनी खागा से बिजली मिलती है उतनी हम सप्लाई आपके हाथ देते हैं परंतु जर्जर तार होने के कारण कहीं ना कहीं तार टूट जाती है जिससे हमें सप्लाई रोकना पड़ता है। वहीं उपभोक्ताओं ने बताया कि रोस्टर के विषय में पूछने पर उन्होंने बताया कि 8 से 10 घंटे सप्लाई की जाती है जिसमें चारों की दरों में क्रमशाह आपूर्ति कराई जाती है।
इसी प्रकार से ऐरायां विकास खण्ड क्षेत्र के सुल्तानपुर घोष विद्युत पावर हाउस फीडर में कर्मचारियों व लाइनमैनो की खाऊ कमाऊ नीतियों के चलते क्षेत्र के प्रेम नगर ,अफोई फीडर में ईट भट्ठा व बड़े कमर्शियल नलकूपों एवं वेल्डिंग कारखाना को अवैध तरीके से बिजली संचालित की जाती है जिससे इन कर्मियों द्वारा प्रति महीने लाखों के विद्युत चोरी की जाती है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि जिसकी जानकारी जेई को दी जाती है तो बताया जाता है कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस प्रकार के विभागीय कर्मचारियों द्वारा यह जा रहे उगाही के चलते उपभोक्ताओं को परेशानियों का दंश झेलना पड़ रहा है।