जंतर मंतर पर बैठी किसानों की संसद, बोले काले कानून करो वापस

किसान संसद का नेतृत्व कर रहे मंडल दल की 6 सदस्यों की कमेटी ने मीडिया से वार्तालाप कर संसद मार्च का आह्वान क्यों किया, इसके पीछे की क्या वजह रही...इस बारे में बताया.

नई दिल्ली,अमन यात्रा : किसान संसद का नेतृत्व कर रहे मंडल दल की 6 सदस्यों की कमेटी ने मीडिया से वार्तालाप कर संसद मार्च का आह्वान क्यों किया, इसके पीछे की क्या वजह रही…इस बारे में बताया. कमेटी के बताया कि चाहे पक्ष के नेता हों या विपक्ष के, कोई भी कानून को लेकर सदन में आवाज नहीं उठा रहा है. यही वजह है कि किसान अपनी बात को रखने के लिए जंतर मंतर पर अपनी संसद लगाकर कृषि कानून किसान विरोधी है इस बात को रख रहे हैं.
अपनी मांग पर अड़े हैं किसान
11:40 पर किसानों की संसद शुरू हुई और 14:00 बजे किसानों ने अपनी संसद को रोककर मंडल दल ने मीडिया से बात की. मंडल दल ने कहा कि बातचीत में जो बातें-जो शर्तें किसानों ने सरकार के सामने पहले दिन रखी थी. वही, बातें-वही शर्तें आज भी हैं. किसानों ने अपनी मांगों में बदलाव नहीं किया है. लेकिन, सरकार हर दौर की बातचीत में बदलती रही है.

कानून वापस ले सरकार 
प्रेस वार्ता का नेतृत्व योगेंद्र यादव ने किया. उन्होंने मंडल दल के सभी सदस्यों से परिचय कराया और उसके बाद प्रत्येक सदस्य ने अपनी बातों को मीडिया के सामने रखा. मंडल दल के सभी सदस्यों की एक ही मांग थी कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले ताकि किसानों के चल रहे धरने को समाप्त किया जा सके.

11 अगस्त तक चलेगी किसान संसद
किसानों के मंडल दल ने बताया कि आज से 11 अगस्त तक किसान संसद चलेगी और प्रतिदिन किसान मंडल का नेतृत्व अलग होगा. आज पहला दिन है और इसका नेतृत्व योगेंद्र यादव समेत 6 किसान नेता कर रहे है. इसमें 3 स्पीकर और 3 डिप्टी स्पीकर नियुक्त किए गए हैं. प्रक्रिया प्रतिदिन यही रहेगी लेकिन चेहरे बदलते रहेंगे. यानी प्रतिदिन किसानों के साथ उनके दल के नेता भी बदलते रहेंगे.

किसानों का उत्पीड़न निश्चित है
किसान मंडल दल के नेताओं ने बताया कि सरकार एक के बाद एक लगातार किसान विरोधी बिल सरकार ला रही है, जिससे किसानों का उत्पीड़न होना निश्चित है. पिछले 8 महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठा है. लेकिन, सरकार कहती है किसान क्यों धरना दे रहे हैं. किसानों ने कहा कि मानसून के दौरान जंतर मंतर पर बैठकर अपनी संसद चलाकर सरकार के नुमाइंदों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार किसान दिल्ली की सीमाओं पर क्यों बैठे हैं.

 

लोकतंत्र पर भरोसा है
इस दौरान संजय यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इतिहास में पहली बार किसानों ने, मतदाताओं ने व्हिप जारी करके कहा है कि संसद में किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो. उनकी मांगों को सुना जए, कृषि कानूनों पर चर्चा हो. क्योंकि, नेताओं पर भरोसा हो ना हो लेकिन किसानों को लोकतंत्र पर भरोसा है.

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मीडिया पर हमला करने वालों को गिरफ्तार किया जाए 
योगेंद्र यादव ने मीडिया पर हुए हमले को लेकर कहा कि हमने खुद दिल्ली पुलिस से कहा है कि जिन्होंने मीडिया पर हमला किया है उनको तत्काल गिरफ्तार किया जाए. उनसे पूछताछ की जाए कि मीडिया से बदसलूकी और मारपीट उन्होंने किसके इशरे पर की है. जो लोग भी इस साजिश में शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई  हो, ये हमने मांग की है.

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किसान बर्बाद हो चुके हैं
किसान संसद में शामिल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान बर्बाद हो चुके हैं. त्राहि-त्राहि कर रहा है. किसान मजबूरन जंतर मंतर पर विरोध कर रहा है. टिकैत ने कहा कि अगर किसान कोई प्रदर्शन करता है तो उस प्रदर्शन में मुकदमे लिख दिए जाते हैं. किसानों के खिलाफ कार्रवाई होने लगती है. इसीलिए, इस बार किसानों ने पहले ही पुलिस को अपनी पूरी डिटेल दे दी है कि हम इतने लोग जंतर मंतर पर जाकर अपनी किसान संसद लगाएंगे इसके अलावा अगर कोई उपद्रवी किसानों के बीच में घुसता है या कुछ उपद्रव करता है तो उसकी जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की होगी. किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने के लिए जंतर मंतर आए हैं, हिंसा करने नहीं.

 

Author: aman yatra

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