जिला पंचायत सदस्य ने फांसी लगाकर दी जान
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला महामंत्री और जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर ने परिवारिक कलह के चलते बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
- घरेलु विवाद के चलते उठाया आत्मघाती कदम
- पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
बांदा,अमन यात्रा । भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला महामंत्री और जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर ने परिवारिक कलह के चलते बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से बांदा में राजनीतिक खेमे में हलचल मच गई है। घटना का कारण ज्ञात नहीं हो सका है । इनके पति दीपक सिंह गौर भी भाजपा के सक्रिय नेता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना शहर कोतवाली अंतर्गत उनके निवास इंदिरा नगर में हुई है।जहां पार्टी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंच गए हैं। इस बीच खबर है किजिला पंचायत सदस्य का शव घर में संदिग्ध परिस्थितियों में लटकता हुआ मिला है पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मृतका का पति भाजपा नेता दीपक सिंह और मौके से फरार बताए जा रहे हैं।
श्वेता सिंह गौर के पति दीपक सिंह गौर भी भाजपा के सक्रिय नेता है। श्वेता सिंह गौर और उनके पति दीपक सिंह गौर लगातार भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। पर क्या कारण है कि अच्छी भली जिन्दगी से श्वेता इस कदर टूटीं कि अपने ही घर में उन्हें फांसी लगाकर आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। घटना का कारण पता करने पर लोग दबी जुबान से पारिवारिक कलह को वजह बता रहे हैं। बांदा शहर कोतवाली अंतर्गत इंदिरा नगर में श्वेता सिंह गौर अपने पति दीपक सिंह गौर और तीन बच्चों के साथ रहती थीं। भरा-पूरा सम्पन्न परिवार जिसे आमतौर पर सुविधा सम्पन्न परिवार कहा जा सकता है, उस पर अवसाद की छाया ऐसी पड़ी कि देखते ही देखते तीन छोटे बच्चों की भी परवाह न करते हुए एक मां को सदा सदा के लिए ये दुनिया छोड़ देने को मजबूर होना पड़ा।
बताते चलें कि जसपुरा क्षेत्र की 12 नंबर सीट से जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर राजनीति में आने के बाद से ही जबरदस्त ढंग से अपने क्षेत्र में सक्रिय हुई थीं। समाज शास्त्र में परास्नातक श्वेता सिंह गौर की राजनीतिक प्राथमिकताओं में अपने क्षेत्र का विकास था। वो आमजनमानस को शुद्ध पेयजल और सुचारू आवागमन के लिए गांवों के अन्दर की सड़कों की पक्षधर थीं। वो जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद से ही लगातार अपने मिशन में भी लगी हुई थीं। यहां तक कि अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में श्वेता सिंह गौर ने अपने पति दीपक सिंह गौर के साथ मिलकर तिंदवारी विधानसभा में वर्तमान प्रदेश सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद के चुनाव प्रबन्धन में मुख्य भूमिका का निर्वाह भी किया था।
वो सुबह से देर शाम तक पूरे तिंदवारी क्षेत्र में भाजपा की नीतियों का प्रचार करती थीं। उनकी मेहनत के बलबूते भाजपा ने तिंदवारी क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता पाई थी। हालांकि अभी पिछले कुछ माह पहले भी श्वेता सिंह का नाम एक बार चर्चा में आ चुका था, जब उनके भाई ने प्रेम-प्रसंग के चलते अपने आप को श्वेता सिंह के घर में ही गोली मारी थी। हालांकि वो बच गया था। पर इस हाईप्रोफाइल मामले की भी शहर में खूब चर्चा हुई थी। इस बीच पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि आज जिला पंचायत सदस्य स्वेता सिंह गौर द्वारा आत्महत्या की खबर मिलने पर मौके पर जांच पड़ताल करने पर पाया कि कमरा अंदर से बंद था और पंखे के सहारे शव फांसी पर लटका हुआ था। घटनास्थल का डॉग स्क्वायड व फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है। मौके पर उनके पति नहीं मिले, परिवारी जनों से बातचीत पर पता चला कि पति पत्नी के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था। बीती रात भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। संभवत इसी कारण उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
श्वेता के परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
बांदा। मृतक जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर के परिजनों ने सीधे- सीधे उनके पति दीपक सिंह गौर पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले ही पती पत्नी के झगड़े को लेकर पंचायत हुई थी। जिसमे श्वेता के ससुर ने भी बुरी-बुरी गालियां दी थी। घटना के बाद से दीपक सिंह गौर फरार है, जिससे संदेह उसी पर जाता है।
मोबाइल से खुल सकते हैं कई राज
बांदा। घटनास्थल पर पुलिस को दो टूटे हुए मोबाइल मिले है। उनको खोलने के बाद कई ऐसे कारणों का पता चल सकता है जिसकी वजह से घटना हुई।
श्वेता ने फेसबुक पर डाली थी पोस्ट
बांदा। मृतक श्वेता सिंह गौर ने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी जिसमे लिखा था कि घायल शेरनी से मत टकराना, इससे कहीं न कहीं श्वेता के मजबूत इरादों का भी पता चलता है। सूत्रों की माने तो एक रात पहले भी पती पत्नी में झगड़ा हुआ था।