जूनियर विद्यालयों की बालिकाएं आत्मरक्षा में होंगी निपुण
जूनियर विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राएं अब किक और पंच मारते हुए नजर आएंगी। अटैक इज दी बेस्ट फॉर्म ऑफ डिफेंस की थीम पर उच्च प्राथमिक विद्यालय, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं को रानी लक्ष्मी बाई योजना के तहत आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- जनवरी माह से प्रदेश के जूनियर स्कूलों में शुरू होगा प्रशिक्षण
- प्रशिक्षण के बाद 10 दिनों तक की जाएगी मॉकड्रिल और अभ्यास
- रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अंतर्गत उच्च प्राथमिक / कंपोजिट विद्यालयों की बालिकाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
- स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के अनुदेशक करेंगे प्रशिक्षित
लखनऊ \कानपुर देहात। जूनियर विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राएं अब किक और पंच मारते हुए नजर आएंगी। अटैक इज दी बेस्ट फॉर्म ऑफ डिफेंस की थीम पर उच्च प्राथमिक विद्यालय, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं को रानी लक्ष्मी बाई योजना के तहत आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए सर्वप्रथम स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों व केजीबीवी के खेल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जारी पत्र के अनुसार समाज में बढ़ रहे छेड़छाड़, चेन स्नेचिंग, यौन हिंसा, अचानक हमले को देखते हुए जूनियर विद्यालयों की बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने की योजना बनाई गई है। कंपोजिट, माध्यमिक और कस्तूरबा विद्यालयों के छह से आठ तक की छात्राओं को रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पूरे प्रदेश में समग्र शिक्षा के तहत कंपोजिट विद्यालयों के 10158 और कस्तूरबा विद्यालयों के 746 खेल शिक्षकों (कुल 10904) को छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार किया जा रहा है। अब यही स्वास्थ्य व खेल अनुदेशक छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। कार्यक्रम के तहत पहले सप्ताह में छात्राओं को वार्मअप प्रशिक्षण के साथ बाल सुरक्षा, कानून और हेल्पलाइन नंबर 1090 की जानकारी दी जाएगी। इन सभी गतिविधियों पर खंड शिक्षा अधिकारी को मॉनिटरिंग करनी होगी जिसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।
इस प्रकार होगा प्रशिक्षण-
बालिकाओं को प्रथम स्तर और दूसरे स्तर पर वार्मअप, रनिंग, स्ट्रेचिंग जंपिंग आदि गतिविधि कराई जाएगी। तीसरे चरण में वार्मअप, रनिंग, स्ट्रेचिंग, जंपिंग, सुरक्षा के बिन्दुओं चर्चा, मॉकड्रिल का आयोजन होगा। चौथे स्तर पर सिंगल पंच, डबल पंच, ट्रिपल, मिडिल पंच, सिंगल हैंड ग्रिप, चिन पंच, फेस पंच, चेस्ट अटैक, थाई डिफेंस, नेट अटैक, एल्बो अटैक, बैक साइड डिफेंस, रिब अटैक फ्राम साइड, फ्रंट नेक ग्रिप, साइड एब्डामिनल किक, किक इन साइड आउट साइड, नोज किक, चेस्ट किक, वेस्ट किक आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के अनुश्रवण एवं मॉनीटरिंग की व्यवस्था-
खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने विकासखण्ड में कार्यरत शिक्षकों में से सक्रिय सहायक अध्यापक जो यथासम्भव बीपीएड योग्यताधारी हो, उन्हें अनुश्रवण के लिए नामित करें अनुश्रवण हेतु नामित शिक्षिका / शिक्षक समय-समय पर विद्यालयों का भ्रमण करेंगें तथा सम्बन्धित स्वास्थ्य एवं खेल अनुदेशकों की बैठक करते हुए उन्हें यथा आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगें।
जिला समन्वयक बालिका शिक्षा तथा जिला व्यायाम शिक्षक-शिक्षिका आपस में समन्वय करते हुये अपने जनपद में कार्यरत अनुदेशकों एवं केजीबीवी खेल शिक्षक/शिक्षिका का व्हॉट्सअप ग्रुप बनाकर कार्यक्रम की सघन मॉनीटरिंग तथा सूचनाओं को अद्यतन अपडेट करेंगे।
बालिकाओं को प्रशिक्षण देने के उपरान्त सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा प्रशिक्षण की पुष्टि करते हुए आख्या खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करायी जायेगी। इसके अतिरिक्त विद्यालय स्तर पर आयोजित बैठकों एवं शिक्षा चौपालों के दौरान प्रशिक्षित बालिकाओं द्वारा आत्मरक्षा की तकनीकों का प्रदर्शन करना होगा।
भारत सरकार द्वारा ट्रैकर के माध्यम से प्रत्येक सप्ताह प्रशिक्षण की प्रगति मॉनीटर की जायेगी। अतः जिला समन्वयक बालिका शिक्षा का यह उत्तरदायित्व होगा कि राज्य परियोजना कार्यालय से प्रेषित गूगल फार्म पर प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को सूचना अपडेट करनी होगी तथा प्रबन्ध पोर्टल पर नियमित रूप से प्रगति अंकित करनी होगी।
समय-समय पर बेस्ट प्रैक्टिसेज एवं नवाचारों सम्बन्धी फोटोग्राफ्स तथा मीडिया कवरेज आदि भी राज्य परियोजना कार्यालय को src.kgbv2@gmail.com पर उपलब्ध करायेंगे। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के साथ ही प्रत्येक सप्ताह राज्य परियोजना कार्यालय से प्रेषित गूगल फार्म पर प्रगति अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी।
जिन विद्यालयों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है उन विद्यालयों की सूची यू-डायस कोड एवं प्रशिक्षक के नाम सहित राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध करानी होगी।