रनियां व इसके आस-पास के इलाके में अवैध खनन का कारोबार चरम पर
नियां व इसके आस-पास के इलाके में इन दिनों मिट्टी के अवैध खनन का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। घना कोहरा व सर्द रातों में गांव वाले जब घर के अंदर कैद होकर रह जाते हैं तब शुरू होता है मिट्टी का अवैध खनन।
- बीते कुछ दिनों में अवैध खनन माफियाओं ने जगह-जगह निजी व सरकारी जमीनों पर जमकर मिट्टी खोद डाली
रनियां। रनियां व इसके आस-पास के इलाके में इन दिनों मिट्टी के अवैध खनन का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। घना कोहरा व सर्द रातों में गांव वाले जब घर के अंदर कैद होकर रह जाते हैं तब शुरू होता है मिट्टी का अवैध खनन। बीते कुछ दिनों में अवैध खनन माफियाओं ने जगह-जगह निजी व सरकारी जमीनों पर जमकर मिट्टी खोद डाली । हालांकि रजबहे की पटरी काटने पर रनियां थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
रनियां क्षेत्र से गुजरे घाटमपुर रजबहा में मटियामऊ गांव के पास कुछ दिनों पहले रात के अंधेरे में अवैध खनन माफियाओं ने जमकर मिट्टी की लूट-पाट की। यहां पर करीब दो सौ मीटर दूरी तक लगभग 8 फुट चौड़ाई तक दो मीटर गहराई तक मिटटी खोदकर डंपरों में लोड करवाकर बेंच डाली। सुबह जानकारी पर मौके पर पहुंचे स्थानीय सींचपाल अभिषेक गंगवार ने घटना की लिखित सूचना रनियां थाने पर दी थी। मामले की तहरीर पर जांच में मामला सही पाया गया तो मंगलवार को रनियां थाने में अज्ञात के खिलाफ प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट 3 (2) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
इसी तरह उमरन गांव निवासी मान सिंह ने बताया कि उनकी जमीन गाटा संख्या 873 रकवा 0.6050 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अज्ञात खनन माफियाओं द्वारा रात के अंधेरे में चुपके से मिट्टी खोद डाली। जानकारी पर पुलिस सहित तमाम अधिकारियों को लिखित सूचना दी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा ग्राम सभा उमरन, गोईनी तथा रामदीन पुरवा में भी लगातार मिट्टी का अवैध खनन काफी दिनों से फल फूल रहा है जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है लेकिन कार्यवाही नहीं हुई। इस संबंध में एस ओ रनियां महेंद्र पटेल ने बताया कि रजबहा की पटरी काटने पर सींचपाल की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण लगातार अवैध खनन की सूचना दे रहे हैं जिसको लेकर एसडीएम सदर, खनन अधिकारी तथा तहसीलदार अकबरपुर को अवगत कराया गया है, उम्मीद है कि जल्द ही सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में एसडीएम सदर तथा तहसीलदार से बात नहीं हो सकी जबकि खनन अधिकारी का नंबर स्विच ऑफ था।