फरवरी के व्रत-त्योहार:11 को मौनी अमावस्या; 12 से गुप्त नवरात्र
16 फरवरी को अबूझ मुहूर्त में होंगी शादियां और मांगलिक काम, इस महीने खत्म होगी शिशिर ऋतु

16 को वसंत पंचमी और 27 को रहेगी माघ पूर्णिमा
नई दिल्ली, अमन यात्रा : 2021 के दूसरे महीने में कई व्रत और त्योहार रहेंगे। हिंदू या सनातन धर्म की विविधता और विशालता को हर साल होने वाले तीज, त्यौहार, कर्मकांड दर्शाते हैं। करीब एक साल से कोरोना संक्रमण के चलते लोग अपने तीज त्यौहार धूमधाम से नहीं माना पा रहे थे, लेकिन अब कोरोना वैक्सीन आ जाने से वर्ष 2021 से लोगों को कई उम्मीदें हैं। ऐसा माना जा रहा है कि फरवरी 2021 में पड़ने वाले त्योहारों को लोग पहले की तरह शानदार ढंग से मना सकेंगे। ज्योतिषियों और धर्म ग्रंथों के विद्वानों का कहना है कि हिंदू धर्म में कई शुभ तिथियों और त्यौहारों का बड़ा महत्व है। इन अवसरों पर हिंदू धर्म के अनुयायी पूजा, जप-तप, व्रत और वैदिक कर्मों को शुभ मानते हैं। वहीं हर माह कई पर्व भी आते हैं, इसी के तहत फरवरी 2021 में एक तरफ जहां गुप्त नवरात्र 12 फरवरी से प्रारंभ हो रहे हैं, वहीं बसंत पंचमी 16 फरवरी व माघ पूर्णिमा 27 फरवरी की मनाई जाएगी। इसके साथ ही कई अन्य व्रत और त्योहार भी इस महीने रहेंगे।
16 फरवरी: बसंत पंचमी
माघ महीने की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। बसंत पंचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन अबूझ सावा होने से विवाह आदि मांगलिक और शुभ कार्य भी होंगे। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी आते ही कड़कड़ाती ठंड का अंत हो जाता है और बसंत ऋतु का आगमन होने लगता है। इस दौरान मौसम का सुहावना होना वातावरण को और रूमानी कर देता है।
11 फरवरी: मौनी अमावस्या
ज्योतिषशास्त्री पं दिनेश मिश्रा के अनुसार हिंदू कैलेंडर पंचांग में माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास में होने वाले स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
23 फरवरी: जया एकादशी
जया एकदाशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाएगी। पूजन में भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली तथा विशिष्ट सुगंधित पदार्थों अर्पित करना चाहिए। जया एकादशी का यह व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है।
27 फरवरी: माघ पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती
पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है। माघ माह में चलने वाला यह स्नान पौष मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर माघ पूर्णिमा तक होता है। तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का अंतिम दिन माघ पूर्णिमा ही है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान करने वाले मनुष्यों पर भगवान माधव प्रसन्न रहते हैं तथा उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।
7 फरवरी: षट्तिला एकादशी
इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। षट्तिला एकादशी पर तिल का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन तिलों का 6 प्रकार से उपयोग किया जाता है। इस दिन काले तिल के प्रयोग का विशेष महत्व माना जाता है। इनमें तिल से स्नान, तिल का उबटन लगाना, तिल से हवन, तिल से तर्पण, तिल का भोजन और तिलों का दान किया जाता है, इसलिए इसे षट्तिला एकादशी व्रत कहा जाता है।
तारीख और दिन | तीज-त्योहार |
9 फरवरी, मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
10 फरवरी, बुधवार | मासिक शिवरात्रि |
12 फरवरी, शुक्रवार | गुप्त नवरात्र शुरू, कुंभ संक्रांति |
15 फरवरी, सोमवार | गणेश जयंती, विनायक चतुर्थी |
19 फरवरी, शुक्रवार | अचला सप्तमी, शिवाजी जयंती |
20 फरवरी, शनिवार | भीष्म अष्टमी |
21 फरवरी, रविवार | माघ गुप्त नवरात्रि खत्म |
24 फरवरी, बुधवार | प्रदोष व्रत |
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