लखनऊ / कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में फर्जी अध्यापकों को रोकने के लिए बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने छह माह पहले सभी स्कूलों के मुख्य गेट पर हमारे शिक्षक का बोर्ड लगाने के लिए जिम्मेदारों को निर्देशित किया था लेकिन ये निर्देश हवाहवाई साबित हुआ कारण यह कि सत्र समाप्त होने के कगार पर है।
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बावजूद इसके अधिकतर स्कूलों में हमारे शिक्षक के बोर्ड नहीं लग सके हैं हालांकि इन विद्यालयों में हमारे शिक्षक का बोर्ड लगाने के लिए करीब छह माह पहले बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने विभाग के जिम्मेदारों को निर्देश जारी किया था। जारी निर्देश में कहा गया था कि बोर्ड स्कूल में ऐसी जगह लगाया जाए जहां स्कूल में प्रवेश करते ही उसे देखा जा सके। बोर्ड पर शिक्षकों का फोटो, नाम, शैक्षिक योग्यता, नियुक्ति तिथि का पूरा ब्योरा लिखवाकर लगाना था। इसके लिए स्कूल के कंपोजिट ग्रांट से धनराशि खर्च की जानी थी। जनपद के अधिकतर स्कूलों में अभी तक हमारे शिक्षक के बोर्ड नहीं नजर आए। जिन स्कूलों में बोर्ड लगे भी हैं। उनमें आधी-अधूरी जानकारी है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि स्कूलों में हमारे शिक्षक का बोर्ड लगाने के लिए पूर्व में ही शिक्षकों को निर्देश दिए गए थे। अगर ऐसी लापरवाही कहीं पर भी बरती गई है तो स्कूलों का निरीक्षण कर लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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