सिर्फ मेडिकल कालेज में जांच : डेंगू की जांच की सुविधा जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में है। जहां एलएलआर अस्पताल में आने वाले मरीजों के सैंपल की जांच कराई जा रही है। उसके अलावा अन्य मरीजों के सैंपल अभी नहीं भेजे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के उर्सला अस्पताल में जांच की सुविधा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने जांच किट ही नहीं उपलब्ध कराई है। ऐसे में एलाइजा जांच नहीं हो रही है।

नर्सिंग होम के सैंपल की जांच नहीं : सीएमओ कार्यालय से निजी लैब को डेंगू की जांच करने और उनकी रिपोॄटग न करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में जब कन्फर्म करने के लिए निजी लैब और नॄसग होम से मरीजों के सैंपल जांच के लिए मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की लैब भेजे जाते हैं। निजी लैब एवं नॄसग होम संचालकों का कहना है कि उनके सैंपल मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष द्वारा लौटाया जा रहा है। इस वजह से डेंगू की जांच नहीं हो पा रही है। बुखार से मरीजों की मौत हो रही है।

डेंगू के लक्षण

  • अचानक तेज बुखार।
  • सिर में आंखों के उपर तेज दर्द।
  • आंखों में जलन और लालीपन।
  • आंख के पीछे की तरफ दर्द।
  • भूख न लगना व कमजोरी होना।
  • मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द।
  • त्वचा में लाल चक्कते व दाने निकलना।
  • चक्कर आना और उल्टियां आना।
  • घबराहट होना और नींद न आना।
  • नाक-मुंह व मल द्वार से खून आना।

बचाव के  उपाए

  • घर के आसपास पानी न जमने दें।
  • जलभराव होने पर जला मोबिल डालें।
  • घर के आसपास सफाई रखें।
  • कूलर में पानी न भरें, छत पर टूटे बर्तन न रखें।
  • मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं।
  • मच्छरों से बचाव के लिए क्रीम, क्वाइल एवं स्प्रे का इस्तेमाल करें।

कुरसौली गांव में वायरल बुखार का कहर, 76 बीमार : कल्याणपुर ब्लाक के कुरसौली गांव में एक सप्ताह से वायरल बुखार कहर बरपा रहा है। इसकी चपेट में आकर बीते दिनों एक किशोरी दम तोड़ चुकी है। घर-घर में बुखार के मरीज हैं। 76 बीमार लोगों में से 24 का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है, जबकि अन्य झोलाछाप के भरोसे हैं। गांव में छह लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग मानने को तैयार नहीं है। न मेडिकल टीम झांकने गई हैं और न ही फागिंग कराई जा रही है।  कुरसौली गांव में बीते दिनों बुखार से 14 वर्षीय तन्नू की मौत हो गई थी। उसके पिता शिवलाल प्रजापति के मुताबिक उसे कई दिनों से बुखार था। उनका आरोप है कि जांच के लिए जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के कर्मचारी घर आए तो दबाव बनाकर अचानक मौत होने की बात लिखवा ली। यह भी लिखवा कर ले गए कि बीमारी का कारण का पता नहीं चल सका है। गांव के चंद्रशेखर तिवारी व बाल गोविंद तिवारी रावतपुर के निजी अस्पताल में भर्ती हैं तो सुनील प्रजापति व अभिषेक कल्याणपुर के अस्पताल में हैं। एयरफोर्स कर्मी रामभरोसे प्रजापति की पत्नी व पुत्रियां नीशू, शालिनी और कल्पना का इलाज काकादेव के नॄसगहोम में चल रहा है। रामसजीवन गौतम, अतीक, दीपू अवस्थी, निर्मला तिवारी, ऋतिक, सेजल, पंकज ठाकुर समेत कई अन्य भी निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। ग्राम प्रधान अमित कुमार सिंह ने बताया कुछ दिन पहले सीएससी कल्याणपुर की टीम ने कैंप लगाया था। सभी खानापूरी कर चले गए थे। आज तक किसी की जांच रिपोर्ट तक नहीं मिली। खंड विकास अधिकारी अनिरुद्ध सिंह चौहान का कहना है कि गांव में जल्द ही फागिंग और सफाई करवाई जाएगी।